Jhingur Food: मटन-चिकन छोड़कर 'झींगुर' क्यों खा रहे हैं लोग? क्यू में लगकर हासिल करते हैं प्लेट, देने पड़ते हैं एक्स्ट्रा पैसे
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Jhingur Food: मटन-चिकन छोड़कर 'झींगुर' क्यों खा रहे हैं लोग? क्यू में लगकर हासिल करते हैं प्लेट, देने पड़ते हैं एक्स्ट्रा पैसे

Jhingur Powder Food in Thailand Restaurant: दुनिया में शाकाहारी और मांसाहारी लोगों के बारे में तो आपने खूब सुना होगा. लेकिन क्या आपने ऐसे लोगों के बारे में सुना है, जो कीड़े-मकोड़े खाना पसंद करते हैं. 

Jhingur Food: मटन-चिकन छोड़कर 'झींगुर' क्यों खा रहे हैं लोग? क्यू में लगकर हासिल करते हैं प्लेट, देने पड़ते हैं एक्स्ट्रा पैसे

Thailand Restaurant Serving Jhingur Powder Food: दुनिया में हर किसी की खाने-पीने की पसंद अलग-अलग होती है. कोई मांस खाना पसंद करते हैं तो कोई शाकाहारी होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई लोग ऐसे भी हैं, जो मांसाहारी तो हैं लेकिन उन्हें चिकन-मटन पसंद नहीं है. इसके बजाय वे कीड़े-मकोड़ों को खाना ज्यादा पसंद करते हैं. अब तो बाकायदा थाईलैंड में इसके लिए एक रेस्टोरेंट भी खुल गया है. जिसमें लोगों को झींगुर पकाकर खिलाए जा रहे हैं.  

लोगों को खिलाया जा रहा झींगुर

थाईलैंड (Jhingur Powder Food in Thailand) के इस रेस्तरां का नाम 'बाउंस बर्गर' है. यहां पर लोगों को बर्गर, चाऊमीन जैसे फास्टफूड खिलाए जाते हैं. इसी खाने में अब झींगुर मिलाकर खिलाया जा रहा है. लेकिन इस फास्ट फूड में झींगुर फ्राई करके नहीं दिए जाते. इसके बजाय झींगुर को भूनकर उसका पाउडर तैयार कर लिया जाता है. इसके बाद उसी पाउडर को फास्ट फूड में डालकर ग्राहकों को खिलाया जा रहा है. 

शरीर को प्रोटीन मिलने का दावा

रेस्टोरेंट के मालिक पूरिपत थियापैरात का दावा है कि झींगुर का पाउडर (Jhingur Powder Food in Thailand) मिलाने से बर्गर और दूसरे फास्ट फूड का टेस्ट बढ़ जाता है. साथ ही उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है. पूरिपत का कहना है कि इस पाउडर में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मिलता है. जिससे लोगों की सेहत बढ़िया रहती है. यही वजह है कि रेस्तरां में बनाए जाने वाले बिस्किट, बर्गर, मिल्क शेक और फ्राइज़ में झींगुर का पाउडर डाला जा रहा है. 

काफी लोगों को पसंद नहीं ये भोजन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में चीन और दक्षिण पूर्वी एशिया के काफी देशों में कीड़े-मकोड़े खाने का चलन है. ऐसे कीड़े खाने वालों का मानना है कि इससे उन्हें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल जाता है. साथ ही इससे पर्यावरण भी साफ रहता है. हालांकि दुनिया में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो भोजन में कीड़े-मकोड़े के बारे में सोचते ही उल्टी कर देते हैं. 

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