Video: दुल्हन ने किया डांस तो भाइयों ने नोटों से भरी बोरी ही उड़ेल दी, देखने वालों के छूटे पसीने
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Video: दुल्हन ने किया डांस तो भाइयों ने नोटों से भरी बोरी ही उड़ेल दी, देखने वालों के छूटे पसीने

Dulhan Dance: दूल्हा-दुल्हन की नाटी के दौरान दुल्हन के भाइयों ने नोटों से भरी बोरी दुल्हन पर उड़ेल दी. हालांकि, नाटी रस्म के दौरान गांव, परिवार और रिश्तेदार द्वारा नव दंपति को शगुन देने की रिवायत है. मगर इस तरह से नोट बरसाए जाएं, ऐसा क्षेत्र में यह पहली बार हुआ है.

 

Video: दुल्हन ने किया डांस तो भाइयों ने नोटों से भरी बोरी ही उड़ेल दी, देखने वालों के छूटे पसीने

Bride Dance Video: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. शादी में लोग नेक के रूप में 100-500 या फिर 2000 रुपये देते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इससे भी कहीं ज्यादा सोचते हैं. गिरिपार क्षेत्र से शादी समारोह के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि लोग सोच में पड़ गए. यहां शटाड गांव में दूल्हा-दुल्हन की नाटी के दौरान दुल्हन के भाइयों ने नोटों से भरी बोरी दुल्हन पर उड़ेल दी. हालांकि, नाटी रस्म के दौरान गांव, परिवार और रिश्तेदार द्वारा नव दंपति को शगुन देने की रिवायत है. मगर इस तरह से नोट बरसाए जाएं, ऐसा क्षेत्र में यह पहली बार हुआ है.

गांव की रीति-रिवाज को दी जाती है अहमियत

सिरमौर जिले का गिरिपार हाटी क्षेत्र समृद्धि सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. साथ ही क्षेत्र के रीति-रिवाज भी चर्चा में रहते हैं. मसलन गिरिपार क्षेत्र में दहेज कैश या गाड़ी आदि देने की प्रथा भी नहीं है. कैश का किसी भी तरह का लेन-देन तो यहां किसी भी सूरत में मान्य नहीं है. लिहाजा दुल्हन पर इस तरह नोट बरसाना चर्चा का विषय बना हुआ है. बताते चले कि दूल्हा-दुल्हन की नाटी शादी की रिवायतों का एक हिस्सा है और दूल्हा-दुल्हन की नाटी के दौरान परिवार-रिश्तेदार और गांव के लोग शगुन के तौर पर नोट भेंट करते हैं.

 

 

दुल्हन के ऊपर उड़ाए जा रहे गए नोट

साथ ही नजराने के तौर पर कभी-कभार कुछ नोट नव दंपति पर उड़ाए जाते हैं. मगर, जिस तरह से शटाड गांव में नोटों से भरी बोरी दुल्हन पर उड़ेली गई वह चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि, यहां नोटों का असम्मान और दुरुपयोग नहीं हुआ है. दुल्हन पर नजराने के तौर पर बरसाए नोट गीत गाने वाले पार्टी को दिया जाता है. इससे दूल्हा-दुल्हन का कोई संबंध नहीं होता. मगर फिर भी बुद्धिजीवी वर्ग इस बात से चिंतित हैं कि कहीं इस तरह से नोट बरसाना पिछड़े क्षेत्र में रिवायत ना बन जाए.

रिपोर्ट: ज्ञान प्रकाश

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