Finance: मिश्रित वित्त में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र या परमार्थ के वित्तीय संसाधनों से चरणबद्ध तरीके से लाभ उठाया जाता है. इससे उच्च जोखिम और लंबी अवधि की परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है. साथ ही इंवेस्टमेंट को बढ़ावा मिलने से कई तरह की जरूरतें भी पूरी होने की संभावना रहेगी.
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Green Projects: वित्त मंत्रालय की ओर से समय-समय पर कई अहम कदम उठाए जाते हैं. अलग-अलग प्रकार के जरूरी आदेश भी वित्त मंत्रालय की ओर से दिए जाते हैं. इस बीच वित्त मंत्रालय वित्तीय संस्थानों को हरित जलवायु परियोजनाओं में निवेश करने के लिए मिश्रित वित्त साधनों से धन जुटाने की अनुमति देने दे सकता है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय इसकी संभावनाएं तलाश रहा है और आने वाले वक्त में इसको लेकर तस्वीर और भी साफ हो सकती है.
उठाया जा सकता है लाभ
दरअसल, मिश्रित वित्त में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र या परमार्थ के वित्तीय संसाधनों से चरणबद्ध तरीके से लाभ उठाया जाता है. इससे उच्च जोखिम और लंबी अवधि की परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है. साथ ही इंवेस्टमेंट को बढ़ावा मिलने से कई तरह की जरूरतें भी पूरी होने की संभावना रहेगी.
निवेश को बढ़ावा
सूत्रों ने कहा कि मिश्रित वित्त का उपयोग नए और उभरते क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देता है. इससे निवेशकों को वित्तीय प्रतिफल मिलता है और टिकाऊ वृद्धि में योगदान देने वाली परियोजनाओं को पूंजी मिलती है. जिससे परियाजनाओं का कुशल संचालन किया जा सकता है और उसे आगे बढ़ाया जा सकता है.
हर तरीके से किया जा रहा है विचार
सूत्रों ने कहा कि अभी इसकी समीक्षा की जानी है और मंत्रालय अभी इस बारे में हर नजरिये से विचार कर रहा है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में ग्लासगो में घोषणा की थी कि भारत 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करेगा. मिश्रित वित्त इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकता है.
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