Heart Attack: बुजुर्गों की बीमारी कैसे बन गई युवाओं के लिए मुसीबत? ये आदतें बन सकती हैं मौत का सबब
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Heart Attack: बुजुर्गों की बीमारी कैसे बन गई युवाओं के लिए मुसीबत? ये आदतें बन सकती हैं मौत का सबब

पहले हार्ट अटैक के मामले अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह जिस तेजी के साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है.

Heart Attack: बुजुर्गों की बीमारी कैसे बन गई युवाओं के लिए मुसीबत? ये आदतें बन सकती हैं मौत का सबब

पहले हार्ट अटैक के मामले अधिक उम्र के लोगों में ही देखने को मिलते थे, लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में यह जिस तेजी के साथ युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, उसकी वजह से भारत का हर दूसरा युवा इससे चिंतित है. बदलती जीवनशैली, खराब खान-पान और तनाव भरी जिंदगी ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है.

आपने अक्सर सुना होगा कि दिल का दौरा ज्यादातर बुजुर्गों को होता है, लेकिन आजकल युवाओं में भी दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में हर युवाओं के जेहन में महज यही सवाल रहता है कि आखिर अपनी लाइफस्टाइल में ऐसे कौन से फेरबदल करें, जिससे हार्ट अटैक से खुद को महफूज रखा जा सके.

कम उम्र में हार्ट अटैक का कारण क्या?
डॉक्टर बताते हैं कि ब्लड फ्लो कम होने या ब्लॉक होने की वजह से हार्ट अटैक के मामले युवाओं में देखने को मिलते हैं. इस तरह की स्थिति तब पैदा होती है, जब नसों में फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है. मेडिकल टर्म में इस जमाव को 'प्लाक' कहा जाता है. प्लाक का जमा होना नसों को सिकोड़ सकता है. इससे ब्लड फ्लो कम होता है. इसी वजह से हार्ट अटैक के मामले युवाओं में देखने को मिलते हैं.

क्या है इसके पीछे की वजह
आमतौर पर युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा खराब लाइफस्टाइल, व्यायाम का अभाव, ऑयली फूड का सेवन और जंक फूड के खाने से बढ़ सकता है. नींद की कमी के कारण भी युवाओं में हार्ट अटैक के मामले बढ़ सकते हैं. डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप प्रतिदिन आधे घंटे एक्सरसाइज करें, तो इससे आप हार्ट अटैक को खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं. अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज का इस्तेमाल करें और धूम्रपान, शराब और सिगरेट का सेवन करने से गुरेज करें, क्योंकि इस तरह के पदार्थों के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

नींद की कमी से भी दिल को दिक्कत
नींद का अभाव भी हार्ट के खतरे को बढ़ाता है. लिहाजा प्रतिदिन 7-8 घंटे नींद प्रत्येक व्यक्ति को लेना अनिवार्य है. इसके अलावा, समय-समय पर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसे टेस्ट कराते रहिए, इससे आपको अपनी स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में पता रहेगा.

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