Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति को उनके पद को नहीं मिलती कोई सैलरी! ये होती है जिम्मेदारी और शक्तियां
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Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति को उनके पद को नहीं मिलती कोई सैलरी! ये होती है जिम्मेदारी और शक्तियां

Vice President Election 2022: आज देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा. संसद भवन में उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान होना है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के उपराष्ट्रपति को कितनी सैलरी और सरकारी सेवाएं मिलती हैं? आइए बताते हैं.

Vice President Election 2022: उपराष्ट्रपति को उनके पद को नहीं मिलती कोई सैलरी! ये होती है जिम्मेदारी और शक्तियां

Vice President Election 2022: भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है. इससे पहले आज (6 अगस्त) को देश में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव (Vice President Election 2022 ) होना है. आज देश को नया उपराष्ट्रपति मिल जाएगा. उपराष्ट्रपति पद के लिए NDA की तरफ से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं, विपक्ष ने मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) पर दांव खेला है. देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए के लिए नॉमिनेशन 19 जुलाई तक फाइल किए गए. आज चुनाव के बाद देर रात तक नतीजे सामने आ जाएंगे. लेकिन इससे पहले क्या आपको पता है कि भारत के उपराष्ट्रपति को कितनी सैलरी मिलती है? इसके अलावा क्या-क्या सरकारी सेवाएं मिलती हैं?

सभापति के तौर पर मिलती है सैलरी

आपको बता दें कि भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है. इस पद के लिए उन्हें 'संसद अधिकारी के सैलरी और भत्ते अधिनियम, 1953' के तहत सैलरी देने का प्रावधान है. उपराष्ट्रपति पद के लिए अलग से कोई सैलरी मिलती. राज्यसभा के सभापति के तौर पर उन्हें सैलरी और अन्‍य सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. उपराष्ट्रपति को हर महीने 4 लाख रुपये सैलरी मिलती है. इसके अलावा उन्हें कई तरह के अन्य भत्ते भी मिलते हैं. उपराष्ट्रपति को दैनिक भत्ता, चिकित्सा, मुफ्त आवास, यात्रा और अन्य सुविधाओं के लाभ मिलते हैं. 

राष्ट्रपति की सुविधाएं भी मिलती हैं

राष्ट्रपति की गैर-मौजूदगी में उपराष्ट्रपति सभी जिम्मेदारियों को निभाते हैं. ऐसे में उन्हें राष्ट्रपति की सैलरी और सरकारी सुविधाएं मिलती हैं. इस दौरान उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति जितनी सैलरी मिलती है. इसके अलावा उपराष्ट्रपति को सरकारी स्टॉफ भी दिया जाता है. वहीं, उपराष्ट्रपति के लिए पेंशन वेतन का 50% है.

कौन लड़ सकता है उपराष्ट्रपति का चुनाव

उपराष्ट्रपति चुनाव 35 साल उम्र पूरा कर चुका कोई भी व्यक्ति लड़ सकता है. उम्मीदवार को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है. उम्मीदवार संसद के किसी सदन या राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए. अगर कोई संसद सदस्य उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे सदन की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा. उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनने वाले 15,000 रुपये की जमानत राशि भी जमा करनी होती है.

राष्ट्रपति चुनाव से कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

आपको बता दैं कि उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं. दोनों सदनों के मनोनीत सांसद भी उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं. इस तरह से उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 सदस्य हिस्सा लेते हैं. इसमें राज्यसभा में कुल 245 और लोकसभा के 545 सांसद वोट देते हैं. उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनी निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए किया जाता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है. यानी चुनाव में मतदाता प्राथमिकता के आधार पर वोट करते हैं.

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