Umaid Bhawan Palace Jodhpur Owner: जब भी बात राजसी परिवारों, राजा-महाराजाओं की आती है तो जहन में एक नाम सबसे पहले आता है, जोधपुर...राजस्थान के जोधपुर शहर का उम्मेद भवन पैलेस सिर्फ देश नहीं विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है.
Umaid Bhawan Palace: जब भी बात राजसी परिवारों, राजा-महाराजाओं की आती है तो जहन में एक नाम सबसे पहले आता है, जोधपुर...राजस्थान के जोधपुर शहर का उम्मेद भवन पैलेस सिर्फ देश नहीं विदेशों में भी काफी प्रसिद्ध है. करीब 96 साल पहले बने इस महल की पहचान आज भले ही पॉपुलर डेस्टिनेशन वेडिंग प्लेस के तौर पर हो रही हो, लेकिन इसका इतिहास बहुत खास है. आज भी राजा का परिवार और राजसी ठाठ यहां दिखता है.
26 एकड़ में फैले इस भवन को बनाने में करीब 15 साल लग गए. सूर्यनगरी का उम्मेद भवन पैलेस दुनिया के सबसे बड़े रेसिडेंसियल पैलेस हैं. इतना ही नहीं यह देश में राजशाही के अंतिम महल के तौर पर पहचान रखता है.
साल 1929 में जोधपुर के महाराज महाराजा उम्मैद सिंह ने साल अपने लोगों की मदद के लिए इस महल का निर्माण कराया था, जिसे पूरा करने में करीब 15 साल लग गए और साल 1943 में महल का निर्माण पूरा हुआ.
जोधपुर में अकाल नई बात नहीं थी. उस साल भी भीषण अकाल पड़ा था. फसलें नष्ट हो गई थी. ऐसे में लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए महाराज ने महल के निर्माण शुरू करवाया, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके. 3000 से 4000 से अधिक लोगों ने दिन-रात मेहनत करके इसका निर्माण किया है.
इस महल के निर्माण में के लिए नक्शा इंग्लैड के वास्तुकार ने बनाया था. लंदन में वास्तुकारों की प्रसिद्ध फर्म लेंकास्टर को 2600 पाउंड में इसका नक्शा तैयार किया. महल के अंदर की सजावट और चित्रकारी के लिए पोलैंड के प्रसिद्ध चित्रकार जोधपुर आए थे. वास्तुकार हेनरी वॉन लानचेस्टर ने उन्मेद भवन के डिजाइन को पूरा किया.
महल को बनाने में बलुआ पत्थर और संगमरमर का इस्तेमाल किया गया. महल में 347 कमरे बने है. कई दरबार हॉल, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय, बिलियर्ड रूम और विशाल भोजन कक्ष, गोल्फ कोर्स, गार्डन समेत तमाम लग्जरी सुविधाएं है. इस महल को बनाने में उस वक्त 1,09,11,228 रुपए खर्च हुए थे
उन्मेद भवन पैलेस के निर्माण में छीतर पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था. महाराजा ने सूरसागर के निकट फिदुसर से पत्थर लाने के लिए विशेष रेल लाइन का निर्माण किया गया था. इतना ही नहीं उम्मेद भवन के निर्माण में लकड़ी बर्मा(म्यानमार) से मंगाई गई थी.
उम्मेद भवन के उद्घाटन पर महाराजा उम्मेद सिंह के पुत्र और महाराज गजसिंह के पिता हनवंत सिंह ने सोने का ताला खोलकर महल के दरवाजे खोले थे.
आज ये महल तीन हिस्सों में बंटा है. जिसमें पहला रॉयल निवास, दूसरा उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम और तीसरा उम्मेद भवन पैलेस होटल है. यहां के रॉयल निवास को शाही परिवार रहते हैं.
साल 1971 में पैलेस एक हिस्से को होटल में तब्दील कर दिया. टाटा के होटल ताज ने मौजूदा युवराज शिवराज सिंह के साथ साझेदारी की और 70 से अधिक कमरों का आलीशान होटल तैयार कर दिया. उन्मेद ताज भवन जोधपुर का पसंदीदा वेडिंग डेस्टिनेशन है. प्रियंका चोपड़ा से पीवी सिंधु ने यहां शादी रचाई है.
उन्मेद भवन के मालिक और जोधपुर राजपरिवार के युवराज और स्टार पोलो खिलाड़ी शिवराज सिंह आज यहां की बागडोर संभाल रहे हैं. उनके पिता महाराज गज सिंह ने अपने पिता उन्मेद सिंह के नाम पर महल का नाम उन्मेद महल रखा. युवराज शिवराज सिंह अब उसके उत्तराधिकारी है. 26 एकड़ में फैले इस महल से राज परिवार को मोटी कमाई होती है.
स्टार्टअप टॉकी के मुताबिक महाराज गज सिंह के परिवार की नेटवर्थ 22400 करोड़ रुपये है. उनके वारिस युवराज शिवराज सिंह इस संपत्ति को बढ़ाने की कोशिशों में लगे हैं. वो उन्मेद भवन और वहां होने वाले इवेंट और फंक्शन की देखरेख करते हैं. उन्मेद भवन के अलावा वो बाल समंद और सरदार समंद जैसे होटलों के भी मालिक है.
युवराज शिवराज सिंह पोलो प्लेयर रह चुके हैं. उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल की है. पढ़ाई पूरी करने के बाद विदेश में कुछ दिन नौकरी भी की, लेकिन फिर अपनी विरासत को संभालने देश लौट आए. युवराज की रॉयल फैमिली के पास होटलों के अलावा मेहरानगढ़ का किला भी है. साल 2010 में उनकी शादी लखनऊ के राजसी परिवार की पुत्री गायत्री कुमारी पाल से हुई. शिवराज सिंह अपने परिवार के साथ उन्मेद भवन महल में रहते हैं.
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