Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज

Gyanvapi Case:  जिला जज ने कोर्ट में हिंदू पक्ष की सभी मांगें खारिज कर दी है. जिला कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया है.

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज

Gyanvapi Shringar Gauri Case: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग मामले पर आज फैसला आ गया है.  हिंदू पक्ष की सभी मांगें खारिज कर दी है. 5 में से 4 पक्षकारों ने कथित शिवलिंग की ASI द्वारा वैज्ञानिक जांच कराने की मांग की थी.  ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी मामले पर फैसला वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने कोर्ट में सुनाया.

वहीं ज्ञानवापी मस्जिद के श्रृंगार गौरी मंदिर में नित्य दर्शन पूजन को लेकर एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें कोर्ट की तरफ से कमीशन सर्वे नियुक्त किया गया.  बता दें उस कमीशन सर्वे के दौरान वजू खाने में जो आकृति मिली थी, उसे हिंदू पक्ष अपना शिवलिंग बता रहे थे, तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया है.

आज शुक्रवार यानी जुमा होने की वजह से पुलिस ने विशेष सतर्कता बरती. वहीं, कोर्ट के फैसले से पहले वाराणसी के मंदिरों में साधु-संत हवन-पूजन किया. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग व साइंटिफिक जांच को लेकर फैसले से पहले काशी के संत काफी उत्साहित नजर आए.

शिवलिंग की आकृति की कार्बन डेटिंग कराने के आवेदन पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में 12 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी.  सुनवाई के बाद आदेश के लिए 14 अक्टूबर यानि आज की तारीख नियत की थी. 12 अक्तूबर को सुनवाई के दौरान अंजुमन इंतजामिया ने अपना पक्ष रखा फिर वादिनी संख्या 2 से 5 तक के अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने प्रति उत्तर में हिंदू पक्ष की दलीलें पेश की थीं जबकि वादिनी संख्या 1 के अधिवक्ता मान बहादुर सिंह ने कोई भी दलील देने से इनकार कर दिया. तब अदालत ने आदेश के लिए 14 अक्तूबर की तारीख नियत कर दी.

अगस्त 2021 में दाखिल हुआ था केस
अगस्त 2021 में विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक व लक्ष्मी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था. पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मिलनी चाहिए  इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा के लिए मुकम्मल इंतजाम हो.  कोर्ट ने मौके की स्थिति जानने के लिए कमीशन गठित करते हुए एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया. उसके बाद ज्ञानवापी परिसर में सर्वे की कार्रवाई हुई थी.

हिंदू और मुस्लिम पक्ष का दावा
कोर्ट में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ‘वजुखाना’ के पास परिसर में एक ‘शिवलिंग’ पाया गया था. हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जो ढांचा मिला वह एक ‘फव्वारा’ था.

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