Maha kumbh 2025 GK Quiz: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ शुरू हो गया है. महाकुंभ मेले का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं, महाकुंभ पर आधारित ये खास क्विज. क्या आप जानते हैं नागा साधुओं के रहस्य...
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Maha kumbh 2025 GK Quiz: महाकुंभ में सबसे खास होता है शाही स्नान, जिस पर दुनियाभर के लोगों की आंखें टिकी होती हैं. शाही स्नान के साथ-साथ इस मेले का मुख्य आकर्षण नागा साधु होते हैं. नागा साधुओं का जीवन अन्य साधुओं की तुलना में बहुत कठिन होता है और उनका संबंध शैव परंपरा की स्थापना से जुड़ा हुआ है. क्या आप नागा साधुओं के बारे में ये जानते हैं कि पहला नागा साधु कौन था, अगर आपका जवाब नहीं है तो आप सही पेज पर आए हैं. इस मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं, महाकुंभ पर आधारित ये खास क्विज यानी आपकी जनरल नॉलेज के बारे में जानते हैं. देखते हैं कि आप कुंभ को कितना जानते हैं.
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सवाल: किसने की थी अखाड़ा की स्थापना
जवाब:8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने अखाड़ा प्रणाली की स्थापना की.इस प्रणाली के तहत सनातन धर्म की रक्षा के उद्देश्य से शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुण साधुओं का एक संगठन बनाया गया.
सवाल: कौन होते हैं नागा साधु
जवाब: लेखक अक्षत गुप्ता की द नागा वॉरियर्स किताब के मुताबिक,'नागा साधु भगवान शिव के अनुयायी होते हैं जिनके पास तलवार, त्रिशूल, गदा, तीर धनुष जैसे हथियार होते थे. नागा साधुओं को अक्सर महाकुंभ, अर्धकुंभ, या सिंहस्थ कुंभ में देखा जाता है.
सवाल:किसने बनाया था संगठन
जवाब:आदि गुरु शंकराचार्य ने ऐसे साधु-सैनिकों का एक संगठन बनाया, जो साधु भी थे और सैनिक भी. इन्हें ज्ञान देना और प्राण लेना, दोनों का अभ्यास था. इन्हीं योद्धा साधुओं को उन्होंने 'नागा' नाम दिया.
सवाल:क्यों तैयार हुए थे नागा योद्धा
जवाब:धर्म की रक्षा के लिए आदि शंकराचार्य नागा योद्धा द नागा वॉरियर्स तैयार किए थे.उन्होंने नागाओं को बाहरी आक्रमण से उनके पवित्र धार्मिक स्थलों, धार्मिक ग्रंथों और आध्यात्मिक ज्ञान की रक्षा की जिम्मेदारी सौंपी थी.
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सवाल:क्यों होते थे शस्त्र और शास्त्र
जवाब:आदिगुरु शंकराचार्य भारत के लोगों को यह संदेश देना चाहते थे कि जब तक एक हाथ में शास्त्र के साथ-साथ दूसरे हाथ में शस्त्र ना हो, तब तक धर्म की रक्षा नहीं की जा सकती.
सवाल:कैसे बनते हैं नागा साधु?
जवाब:मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में नागा साधुओं का इतिहास बहुत पुराना है लेकिन आज भी इनका जीवन आम लोगों के लिए एक रहस्य की तरह होता है. सनातन परंपरा की रक्षा करने और इस परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए अलग-अलग संन्यासी अखाड़ों में हर महाकुंभ के दौरान नागा साधु बनने की प्रक्रिया अपनाई जाती है.
सवाल: कितने साल लगते हैं नागा साधु बनने में
जवाब:नागा साधु बनने की प्रक्रिया कठिन और 12 साल लंबी होती है. नागा साधुओं के पंथ में शामिल होने की प्रक्रिया में लगभग छह साल लगते हैं. इस दौरान नए सदस्य एक लंगोट के अलावा कुछ नहीं पहनते. कुंभ मेले में अंतिम प्रण लेने के बाद वे लंगोट भी त्याग देते हैं.
सवाल:क्यों करते हैं नागा साधु पिंडदान
जवाब:नागा साधु स्वयं का पिंडदान करते हैं. नागा साधु बनने के लिए सबसे पहले लंबे समय तक ब्रह्मचारी के रूप में जीवन बिताना होता है. इसके बाद उसे 'महापुरुष' और फिर 'अवधूत' का दर्जा दिया जाता है. अंतिम प्रक्रिया महाकुंभ के दौरान पूरी होती है, जहां उसका स्वयं का पिंडदान और दंडी संस्कार संपन्न कराया जाता है, जिसे 'बिजवान' कहा जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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