मझोला-बिरहैनी फोरलेन मार्ग के चौड़ीकरण को साल 2024 में ही मंजूरी मिल चुकी है. इस पर काम भी शुरू हो गया है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इसी साल इस मार्ग का काम पूरा हो सकता है. इस रोड को 15 मीटर चौड़ा किया जा रहा है.
मझोला-बिरहैनी फोरलेन मार्ग के चौड़ीकरण से एक तरफ लोगों को आने जाने में सहूलियत मिलने वाली है. साथ ही इस पर बिना रुकावट वाहन रफ्तार भरते हुए नजर आएंगे. इस मार्ग से रोजाना हजारों छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं.
सड़क फोरलेन होने से 20 गांवों को सीधा फायदा मिलेगा. यहां से उत्तराखंड पहुंचने की राह भी आसान हो जाएगी. अभी तक यह रोड सिंगल लेन थी.
मझोला -बिरहनी भरा पचपेड़ा से उत्तराखंड को जाने वाले मार्ग को फोरलेन में तब्दील किये जाने को लेकर शासन की ओर से इसके लिए नौ करोड़ रुपये का बजट जारी किया जा चुका है.
मझोला से बिरहनी पचपेड़ा के रास्ते सड़क उत्तराखंड के सितारगंज तक जाती है. इसकी कुल लंबाई 24 किलोमीटर है. इसी सड़क से यूपी के 20 से ज्यादा गांव के लोगों की उत्तराखंड आवाजाही होती है.
लंबे समय से इस सड़क के चौड़ीकरण की मांग लोग कर रहे थे. इस सड़क को फोरलेन के लिए शासन ने मंजूरी मिल चुकी है. माना जा रहा है कि इसी साल इसका काम भी पूरा हो जाएगा. 15 महीने में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
मझोला के कई ऐसे गांव हैं, जहां लोग रोजगार के सिलसिले में इसी सड़क से जाते हैं. सड़क की हालत खस्ता होने के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. माना जा रहा है कि सड़क बन जाने से यात्रियों की सुविधा के लिए बसों का संचालन भी बढ़ जाएगा.
इसके अलावा पीलीभीत का अधूरा ओवरब्रिज भी इस साल पूरा हो सकेगा. यानी सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल लोगों को जाम के झाम से छुटकारा मिलने के साथ वाहनों से फर्राटा भर सकेंगे.
बता दें कि 2022 में असम हाईवे पर ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. जिसे आगरा की एक संस्था पूरी कर रही है. 650 मीटर के इस ओवरब्रिज को 98 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है. दावा है कि इसका 60 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.