Akhilesh kumar IG in Assam: यूपी के मऊ जिले के छोटे से गांव मुरारपुर में जन्मे अखिलेश कुमार सिंह को असम का आईजी कानून व्यवस्था नियुक्त किया गया है. पश्चिम बंगाल में ये खूब चर्चा में रहे हैं. ये पहले भी सुर्खियों में रहे हैं और अपने दबंग अंदाज के लिए जाने जाते हैं, आइए जानते हैं इनके बारे में.
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Akhilesh Kumar Singh: उत्तर प्रदेश के छोटे से जिले मऊ के छोटे से गांव में जन्मे अखिलेश कुमार सिंह को असम में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. अखिलेश सिंह को कानून व्यवस्था का प्रमुख बनाया गया है. ये वही अखिलेश हैं जिन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता सरकार के मंत्रियों को घर के अंदर घुसकर गिरफ्तार किया था. शिक्षक पिता की देखरेख में पढ़ाई-लिखाई पूरी की, मेहनत और अनुशासन ने इस मुकाम तक पहुंचाया. असम में इतनी बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले अखिलेश सिंह के बारे में जानते हैं कि कैसे एक हेडमास्टर का बेटा एक राज्य की कानून व्यवस्था संभाल रहा है.
छोटे से गांव में जन्मे अखिलेश
अखिलेश कुमार सिंह का जन्म मऊ जिले के मधुबन विधानसभा क्षेत्र के एक छोटे से गांव मुरारपुर में 1979 में हुआ था. उनके पिता का नाम कृष्ण मुरारी सिंह और मां का नाम सुनैना सिंह है. अखिलेश कुमार सिंह ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से की. उनके पिता प्रधानाध्यापक रह चुके थे. शिक्षक पिता की देखरेख में पूरी की पढ़ाई-लिखाई, मेहनत और अनुशासन ने इस मुकाम पर पहुंचाया. अखिलेश पढ़ाई में अच्छे रहे थे. पिताजी ने अखिलेश कुमार सिंह को आगे की पढ़ाई के लिए जिले के प्रतिष्ठित डीएवी इंटर कॉलेज में एडमिशन कराया. 1995 में डीएवी से इंटरमीडिएट पास कर इलाहाबाद विश्वविद्यालय से BA और MA की डिग्री हासिल की. फिर इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट गए.
आईपीएस बनने के लिए की कड़ी मेहनत
अखिलेश ने सिविल सर्विसिज के लिए काफी मेहनत की. उन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर 2003 में प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस बन गए. इनको असम कैडर मिला. जिस समय अखिलेश को असम कैडर मिला उस समय पूरे असम में आतंकवाद और सांप्रदायिक दंगे चरम पर थे. अखिलेश सिंह ने अपने कड़े फैसलों और जनता के बीच भरोसा कायम किया. आतंकवाद और सांप्रदायिक दंगों को काफी हद तक रोकने में कामयाब रहे.
नए साल में बड़ी जिम्मेदारी
1 जनवरी 2025 को अखिलेश कुमार सिंह ने असम के आईजी कानून व्यवस्था का पद संभाला. कानून व्यवस्था के प्रमुख का पद एडीजी रैंक का होता है लेकिन उनको आईजी रैंक पर ही कानून व्यवस्था का प्रमुख बनाया गया है.
वीरता पदक से सम्मानित
साल 2014 में उल्फा के विरुद्ध अभियानों के लिए अखिलेश को राष्ट्रपति के वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका है. इसके बाद यह असम के अलग-अलग जिलों में पुलिस अधीक्षक तथा रेंज में डीआईजी रहे. 2021 में राष्ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया.
ममता बनर्जी के मंत्रियों को किया था गिरफ्तार
अखिलेश कुमार सिंह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर 2019 से 2022 में कोलकाता में सीबीआई के डीआईजी के पोस्ट पर रहे. साल 2021 में पश्चिम बंगाल सरकार के चार मंत्रियों को नारदा कांड में उनके घर से गिरफ्तार करने के बाद अखिलेश कुमार सिंह सुर्खियों में आए थे. उनके खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 6 घंटे तक अनशन पर बैठी थी और उनके ऑफिस का घेराव किया था. कोयला तस्करी पर नकेल सीबीआई कोलकाता में रहते हुए ही अखिलेश सिंह ने आसनसोल के संगठित कोयला चोरी के खिलाफ कठोर कदम उठाए थे. उन्होंने कोयला माफिया को जेल भेज दिया था.
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