Halal Certification: गैरकानूनी हलाल, STF करेगी सवाल...'खेल पर कसने लगा शिकंजा'; ED भी करेगी जांच
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Halal Certification: गैरकानूनी हलाल, STF करेगी सवाल...'खेल पर कसने लगा शिकंजा'; ED भी करेगी जांच

Halal Certificate News: हलाल सर्टिफिकेट मामले में जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के चीफ महमूद मदनी से यूपी एसटीएफ ने मैराथन पूछताछ की थी. कई घंटे चली इस पूछताछ में उनसे कई सवाल पूछे गए. अब इस मामले में ईडी (ED) जांच करने की तैयारी में है. 

Halal Certification: गैरकानूनी हलाल, STF करेगी सवाल...'खेल पर कसने लगा शिकंजा'; ED भी करेगी जांच

UP STF Halal Certification: हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं से जुड़ी कंपनियां भी यूपी एसटीएफ (UP STF) की जांच के दायरे में आ गई हैं. दरअसल एसटीएफ ने जांच में सामने आई 18 कंपनियों के निदेशकों को नोटिस देकर पूछताछ के तलब किया है. एसटीएफ को इस बात के सबूत मिले हैं कि हलाल सर्टिफिकेट देने से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा इन कंपनियों में भेजा जा रहा था. इसके साथ ही जांच में ये पुष्टि भी हुई है कि यह सभी संस्थाएं गैर कानूनी तरीके से हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) बांट रही थी.

हलाल पर बवाल, ED करेगी सवाल

माना जा रहा है कि इन 18 कंपनियों के निदेशक बोलेंगे, तो कई राज खोलेंगे. इन संस्थाओं पर जो आंच आई है, STF उसकी और  गहराई से जांच कर रही है. ऐसे में गैरकानूनी 'हलाल' पर अब STF कंपनियों के निदेशकों से सवाल करेगी.

कई अफसर भी जांच के दायरे में

इसके तार कई सरकारी विभागों से जुड़ने की वजह से सर्टिफिकेट बांटने की अनुमति देने वाले अधिकारी भी जांच के दायरे में आ रहे हैं. एसटीएफ अब उन्हें भी जल्द तलब कर सकती है.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) करेगी जांच

ईडी भी हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों की जांच शुरू करने की तैयारी में है. इस मामले में करोड़ों की फंडिंग इधर से उधर होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय भी संज्ञान लेकर इस पूरे मामले में हुए गैरकानूनी आर्थिक लेनदेन की जांच करने जा रहा है. 

टेरर फंडिंग का शक

क्या उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट (Halal Certificate) देने वाली कंपनियां टेरर फंडिंग में शामिल हैं? क्या हलाल सर्टिफिकेट देने के लिए वसूले जा रहे पैसों से देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था? ऐसे कई सवालों का जवाब तलाशने के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी पुलिस को इस बात के सबूत जुटाने का टास्क दिया था. माना जा रहा है कि एसटीएफ इस मामले की तह तक पहुंच चुकी है.

मदनी से हुई पूछताछ

गौरतलब है कि जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के चीफ महमूद मदनी से हाल ही में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ में छह घंटे तक पूछताछ की थी. ये पूछताछ अवैध तौर पर जारी किए गए हलाल सर्टिफिकेट की चल रही जांच का हिस्सा थी. महमूद मदनी को फर्जी 'हलाल सर्टिफिकेट देने' में उनके ट्रस्ट के मिले जुले होने के आरोपों के बाद एसटीएफ ने तलब किया था. जरूरत पड़ने पर मदनी से दोबारा पूछताथ हो सकती है.

चार लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

STF की एक टीम ने इस मामले को लेकर हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था. STF अफसरों के मुताबिक, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास किसी भी सरकारी निकाय से मान्यता नहीं है. यानी उसके पास हलाल प्रमाणपत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है. इसके बावजूद यह संस्था धड़ल्ले से हलाल सर्टिफिकेट बांट रही थी.

अब तक मामले में क्या हुआ?

पहले योगी सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट वाले सामानों पर उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध लगाया. फिर हलाल सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाओं के दफ्तरों पर छापेमारी की गई. उत्तर प्रदेश खाद्य विभाग की टीमें अलग-अलग शहरों में हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पाद को जब्त करने की कार्रवाई की. 

पहले FIR में थे ये नाम, अब 18 कंपनियां सवालों के घेरे में

पिछले साल लखनऊ के हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों के खिलाफ हुई थी. इस FIR में Halal Certificate देने वाली चार कंपनियों के नाम थे. 

हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई
जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, दिल्ली
हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया, मुंबई
और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मुंबई

अब एसटीएफ की जांच की आंच बढ़ते बढ़ते 18 कंपनियों तक पहुंच चुकी है. अब इन सभी कंपनियों के आलाअधिकारियों को जवाब देना होगा.

पुलिस की इस एफआईआर के मुताबिक इन चारों संस्थाओं पर शक जताया गया है कि हलाल सर्टिफिकेट देने के कारोबार से होने वाली कमाई का लाभ ये संस्थाएं देश विरोधी तत्वों को पहुंचा रही हैं. ऐसा करके, एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपराधिक साजिश को अंजाम दिया जा रहा है. इसी एफआईआर में आशंका जताई गई है कि इस राष्ट्र विरोधी साजिश में देश को कमजोर करने वाले अन्य तमाम लोग भी शामिल हैं. जिनके द्वारा आतंकवादी संगठनों को फंडिंग किये जाने की आशंका है. अब FIR में जताए गए इसी शक की पड़ता उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स कर रही है. 

इसी मुहिम में अब सरकार के कुछ विभागों के अफसर भी एसटीएफ और ईडी के राडार पर है. उन पर भी जल्द गाज गिर सकती है.

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा

इससे पहले गृह मंत्रालय को दिए गए एक पत्र में दावा किया गया है कि जमीयत उलेमा ए हिंद, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादियों और आतंकी संगठनों से सीधे जुड़े होने के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है. इसलिए गृह मंत्रालय से जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के कामकाज की NIA, ED और CBI से जांच की मांग की गई थी. ऐसे में अब हलाला सर्टिफिकेशन के अवैध कारोबार में नाम आने के बाद जमीयत उलेमा ए हिंद की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. क्योंकि टेरर फंडिंग की जांच में यूपी पुलिस की एसटीएफका सबसे ज्यादा फोकस उसी पर हो सकता है. 

विवादों में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद 

इसी कड़ी में में जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के चीफ महमूद मदनी से पूछताछ हो चुकी है. पिछले साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्रालय के सामने एक याचिका देकर मांग की गई थी कि जमीयत उलेमा ए हिंद की आतंकवादी संगठनों से संबंधों की जांच की जानी चाहिए. ये मांग इस आधार पर की गई है कि जमीयत उलेमा ए हिंद ने मार्च 2022 तक देश में आतंकवादी मामलों में आरोपी 700 से ज्यादा लोगों को कानूनी सहायता प्रदान की है और 192 आरोपियों को बरी करवाने में भूमिका निभाई है.

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