Bilkis Bano Case: सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा से छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.
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Supreme Court News: बिलकिस बानो केस में तीन दोषियों ने सरेंडर के लिए और वक्त दिए जाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. दोषी गोविंद नाई ने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए 4 हफ्ते, दोषी मितेश भट्ट ने फसल कटाई और रमेश चांदना ने अपने बेटे की शादी का हवाला देते हुए सरेंडर के लिए 6 सप्ताह की मोहलत मांगी है. याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को होगी.
एक दोषी की ओर से पेश वकील ने जस्टिस नागरत्ना की बेंच के सामने मामला रखा. वकील ने दलील दी कि सरेंडर के लिए दिए गए वक्त की मियाद 21 जनवरी को खत्म हो रही है इसलिए कोर्ट उनकी अर्जी पर जल्द सुनवाई करे. जस्टिस नागरत्ना ने कहा, ‘हम तीनो दोषियों की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे.‘
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था गुजरात सरकार का फैसला
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी को गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा से छूट देने के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था. जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भूइयां की पीठ ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल अधिकारियों के सामने सरेंडर करने का निर्देश दिया था.
घटना के वक्त बिनकिस बानो 21 साल की थीं और पांच माह की गर्भवती थीं. बानो से गोधरा ट्रेन में आग लगाए जाने की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान दुष्कर्म किया गया था. दंगों में मारे गए उनके परिवार के सात सदस्यों में उनकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी.
गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को सजा में छूट दे दी थी और उन्हें रिहा कर दिया था.
(एजेंसी इनपुट के साथ)