DNA Analysis: PM मोदी के पक्के दोस्त थे शिंजो आबे, दोनों की गजब समानताएं जानकर हो जाएंगे हैरान
Advertisement
trendingNow11249886

DNA Analysis: PM मोदी के पक्के दोस्त थे शिंजो आबे, दोनों की गजब समानताएं जानकर हो जाएंगे हैरान

Similarities Between Shinzo Abe and Narendra Modi: भारत के दोस्त और महान जापानी राष्ट्रवादी नेता शिंजो आबे (Shinzo Abe) अब इस दुनिया में नहीं है. उनकी और हमारे देश के पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच ऐसी कई समानताएं रही हैं, जो हैरान कर देती हैं. 

DNA Analysis: PM मोदी के पक्के दोस्त थे शिंजो आबे, दोनों की गजब समानताएं जानकर हो जाएंगे हैरान

Similarities Between Shinzo Abe and Narendra Modi: शिंजो आबे (Shinzo Abe) और प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) में कई समानताएं रही हैं. हम आपको ऐसी पांच बड़ी समानताएं बताते हैं. शिंजो आबे को जापान और नरेन्द्र मोदी को भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी नेता कहा जाता है. शिंजो आबे जापान के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिनका जन्म दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुआ था. वहीं नरेन्द्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म दूसरे विश्व युद्ध और भारत की आजादी के बाद हुआ.

दोनों नेताओं ने संविधान में जरूरी बदलाव किए

दोनों ही नेताओं ने ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के लिए संविधान में जरूरी बदलाव किए. जैसे प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा कर एक क्रान्तिकारी बदलाव किया. जबकि 2015 में शिंजो आबे ने जापान के संविधान में बदलाव करके वहां की सेना को ये अधिकार दिया कि वो जापान की सीमा से बाहर जाकर भी अपने दुश्मन के खिलाफ़ लड़ाई लड़ सकें.

चीन को लेकर भी दोनों नेताओं की सोच हमेशा से एक जैसी रही है. प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने अपने अब तक के कार्यकाल में ऐसे देशों के साथ रिश्ते मजबूत करने पर ज़ोर दिया है, जो चीन को अपना दुश्मन मानते हैं. जैसे भारत ने वियतनाम के साथ अपने आर्थिक और सैन्य रिश्ते मजबूत किए हैं. इसी तरह शिंजो आबे ने भी अपने कार्यकाल में ताइवान के साथ जापान के रिश्तों को काफी अहमियत दी थी.

चीन के खिलाफ एकजुट होकर QUAD बनाया

हिन्द और प्रशांत महासागर के इलाक़े में चीन की मनमानी के खिलाफ शिंजो आबे (Shinzo Abe) ने ही QUAD को फिर से मजबूत करने का काम किया. जबकि प्रधानमंत्री मोदी भी इसी सोच के तहत QUAD के महत्व पर जोर देते रहे हैं. सबसे बड़ी बात.. दोनों ही नेताओं ने अपने राजनीतिक जीवन में कई चुनाव जीते. यानी जनता ने उन्हें सिर्फ़ एक बार नहीं जिताया. बल्कि अलग अलग चुनावों में कई बार विजय दिलाई.

शिंजो आबे (Shinzo Abe) की हत्या पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर तमाम बड़े देशों ने दुख जताया है. पूरी दुनिया इस राजनीतिक हत्या से स्तब्ध है और इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. 

दुनिया में अस्थिरता का माहौल

इस समय पूरी दुनिया में अस्थिरता का माहौल है. रशिया और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से दुनिया में एक नया World Order स्थापित हो रहा है. जिसमें एक तरफ़ रशिया, चीन और पाकिस्तान जैसे देश हैं. दूसरी तरफ अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और दूसरे पश्चिमी देश हैं. इस नए World Order में भारत किसी एक गुट के ज्यादा करीब नहीं है. आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) को अपना पक्का दोस्त मानते हैं और रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भी नरेन्द्र मोदी से गहरी दोस्ती है. ऐसे में जापान के एक पूर्व पीएम की हत्या होना इस अस्थिरता को थोड़ा और गम्भीर रूप देगा. 

बदल सकती है जापान की राजनीति

इससे चीन पर सवाल उठेंगे तो दुनिया में नया गतिरोध स्थापित होगा. सम्भव है कि इससे जापान की राजनीति भी पूरी तरह बदल जाए क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से जापान ने अब तक ऐसी किसी राजनीतिक हत्या का अनुभव नहीं किया था. इसलिए ये पूरी घटना वैश्विक राजनीतिक को भी नए सिरे से प्रभावित करेगी. इसमें भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रोल अब और भी अहम हो जाएगा.

(ये ख़बर आपने पढ़ी देश की सर्वश्रेष्ठ हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news