संभल में मिले मंदिर की जमीन पर मुसलमानों का कब्जा, योगी के बुलडोजर खौफ से खुद ही गिराने लगे घर
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संभल में मिले मंदिर की जमीन पर मुसलमानों का कब्जा, योगी के बुलडोजर खौफ से खुद ही गिराने लगे घर

Encroachment Sambhal Temple in Muslim Area: संभल में फैली हिंसा के बाद अब योगी सरकार की पूरी नजर इस जिले पर है. 46 साल बाद मिले प्राचीन मंदिर की जमीन पर मुसलमानों ने अतिक्रमण कर रखे हैं. पुलिस की खौफ से लोग खुद से अपने घर तोड़ रहे हैं. जानें पूरी कहानी.

 

संभल में मिले मंदिर की जमीन पर मुसलमानों का कब्जा, योगी के बुलडोजर खौफ से खुद ही गिराने लगे घर

Muslim residents raze own homes in Sambhal: संभल में पिछले सप्ताह जिस इलाके में एक 'प्राचीन' मंदिर मिला था, वहां के मुस्लिम निवासियों ने अपने घरों को ढहाना शुरू कर दिया है. इन घरों को  'मंदिर की संपत्ति पर अतिक्रमण' करने के बाद बनाया गया था.  था. जिला प्रशासन ने साइट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं और व्यापक अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाम न बताने की शर्त पर एक निवासी ने कहा, 'कम से कम हम इस तरह से अपनी कुछ कीमती चीजें बचा सकते हैं. अगर हम ध्वस्तीकरण का काम प्रशासन पर छोड़ देते हैं, तो हमारे पास शायद कुछ भी न बचेगा.'

कैसे पकड़ी गई चोरी
यह नौबत न आती, अगर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन संभल के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में छापेमारी नहीं करता. तभी बहुत सारे घरों में बिजली चोरी का मामला सामने आया. मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद जिया-उर रहमान के घर पर एक स्मार्ट मीटर लगाया गया, उनके पुराने मीटर को हटा दिया गया.  उन्हे हाल ही में कथित अवैध निर्माण के लिए नोटिस भी दिया गया था. अब तक दर्जनों घरों में बिजली चोरी पकड़ी गई है और 1.3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. एएसपी श्रीश चंद्र ने कहा, "बिजली विभाग ने जामा मस्जिद के पास संभल के कुछ इलाकों में बिजली चोरी विरोधी अभियान चलाने के लिए पुलिस सुरक्षा का अनुरोध किया था. अभियान के दौरान कई घरों में बिजली चोरी करते हुए पाया गया." प्रशासन का अतिक्रमण विरोधी और बिजली चोरी विरोधी अभियान जारी है, जिसमें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों ने भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ है.

‌संभल हिंसा के बाद सफाई का काम तेज
अतिक्रमण विरोधी अभियान 24 नवंबर को संभल में भड़की हिंसा के मद्देनजर चलाया जा रहा है, जो जामा मस्जिद के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वा’रा किए गए सर्वेक्षण के दौरान हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. सर्वेक्षण इस दावे के बाद शुरू किया गया था कि मस्जिद मुगल काल के दौरान कथित तौर पर ध्वस्त किए गए एक हिंदू मंदिर के खंडहर पर बनाई गई थी. 29 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने संभल ट्रायल कोर्ट को मस्जिद के खिलाफ कार्यवाही रोकने का निर्देश दिया, जब तक कि इलाहाबाद हाईकोर्ट मस्जिद समिति द्वारा सर्वेक्षण आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेता.

मस्जिद के पास कुआं
स्थानीय निवासियों ने बताया कि मस्जिद के आसपास पुराने मंदिर के पास एक कुआं मिला है, जिसे नगर पालिका ने बंद कर दिया है. चंद्रा ने कहा, "यह कुआं मस्जिद के प्रवेश द्वार के बिल्कुल किनारे पर स्थित है. मौके पर पुलिस बल तैनात है."  प्रशासन ने कुएं पर खुदाई का काम भी शुरू कर दिया है. एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया, "कुएं को ढक दिया गया था और उसके ऊपर संगमरमर की एक पटिया रख दी गई थी." यह सब तब पता चला जब शाही जामा मस्जिद क्षेत्र के आसपास अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान एक बंद घर के अंदर एक "प्राचीन" शिव मंदिर की खोज की गई.

46 साल बाद मंदिर खुला
1978 के दंगों के बाद हिंदू निवासियों द्वारा छोड़े गए इस घर पर कथित तौर पर दशकों से अतिक्रमण किया जा रहा था. खराब हो रहे ढांचे के अंदर, अधिकारियों ने एक शिवलिंग और एक हनुमान प्रतिमा को खोजा. मंदिर के बाहर, एक प्राचीन कुआं भी मिला, जिसे एक रैंप के नीचे छिपाया गया था. एएसआई को मंदिर की आयु निर्धारित करने के लिए कार्बन डेटिंग करने का काम सौंपा गया है. प्रशासन ने संपत्ति के स्वामित्व की जांच शुरू कर दी है और अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मंदिर को उसके असली मालिकों को वापस करने की योजना बनाई है.

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