Rajasthan Congress row: कांग्रेस आलाकमान की ओर से भले ही CM अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के बीच जारी विवाद के सुलझने की बात कही जा रही हो लेकिन पायलट के तेवर कुछ और इशारा कर रहे हैं. राजस्थान में उनके अलगे स्टेप पर सभी की निगाह बनी हुई है. इस बीच उन्हें मिल रहे इस ऑफर की चर्चा हो रही है.
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Sachin pilot vs Ashok Gehlot: अपनी पार्टी के 'संकटमोचक' और मरुधरा के 'जादूगर' माने जाने वाले अशोक गहलोत के बुने सियासी मायाजाल में फंसे सचिन पायलट को लेकर बीते कुछ दिनों से राजस्थान की राजनीतिक गलियों में अटकलों का बाजार गर्म बना हुआ है. कोई कह रहा है कि वो कांग्रेस छोड़कर अपनी नई पार्टी बनाने जा रहे हैं तो दूसरी ओर उन्हें अन्य राजनीतिक दलों से मिल रहे ऑफरों की चर्चा हो रही है. राजस्थान कांग्रेस में लंबे समय से अंदरखाने चल रही खींचतान और अपनी मांगे पूरी न होने से आहत पायलट क्या वाकई 'EXIT' करने का मन बना चुके हैं? ये बात तो बस वही जानते हैं. लेकिन इस बीच आरएलपी (RLP) प्रमुख हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने एक बार फिर से सचिन पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह दी है.
हनुमान की पायलट को सलाह
'राजनीति' संभावनाओं के असीम द्वार खोलती है. कुछ ऐसी ही उम्मीदों के बीच कहा जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राजस्थान के विधानसभा चुनावों को लेकर एक्टिव हनुमान बेनीवाल ने जयपुर में अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए इशारों-इशारों में पायलट को कांग्रेस छोड़ने की सलाह देते हुए अपनी पार्टी ज्वाइन करने का ऑफर दिया है. बेनीवाल अपनी पार्टी को सूबे की तीसरी बड़ी ताकत बताते हैं. हाल ही में उन्होंने सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस दोनों को जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए जून के महीने में चार बड़ी रैलियां करने का ऐलान किया था. इसी दौरान उन्होंने सचिन पायलट से फोन पर संपर्क में रहने की भी बात बताई थी. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि उन्होंने एक बार फिर पायलट को कांग्रेस छोड़कर नई पार्टी बनाने का सुझाव दिया है.
पायलट का समर्थन
हनुमान बेनीवाल ने उसी मंच से सचिन पायलट की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि RPSC का पुनर्गठन होना चाहिए. वो इस बात से भी इत्तेफाक रखते हैं कि आरपीएससी में किसी भी सदस्य का चयन उसकी जाति के आधार पर नहीं होना चाहिए. बेनीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान में तीसरा सबसे बड़ा मोर्चा है जो पूरे दमखम से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
खुद की पार्टी बनाएंगे पायलट या इन दलों में होंगे शामिल?
पायलट के अगले कदम पर यूं तो सभी की निगाहें टिकी हैं क्योंकि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिन पायलट, प्रशांत किशोर (PK) की चुनावी मैनेजमेंट कंपनी आईपैक के संपर्क में है. इस रिपोर्ट में आईपैक की टीम के हवाले से कहा गया है कि सचिन पायलट का मन अब भी कांग्रेस में ही है लेकिन अगर उनकी बात न सुनी गई तो आखिर में वो एक बड़ा कदम उठा सकते हैं. वहीं इन खबरों से इतर पायलट के आरएलपी या किसी और अन्य दल में जाने को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर भी अबतक विराम नहीं लगा है.