Manipur Violence: 200 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल, दवाओं की कमी, कैशलेस एटीएम, कीमतों में भारी उछाल, मणिपुर में जनजीवन अस्त-व्यस्त
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Manipur Violence: 200 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल, दवाओं की कमी, कैशलेस एटीएम, कीमतों में भारी उछाल, मणिपुर में जनजीवन अस्त-व्यस्त

Manipur Violence News: एक महीना से अधिक हो गया है जब मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक महीने भर की हिंसा में 98 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि घायलों की संख्या 310 तक पहुंच गई.

Manipur Violence: 200 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल,  दवाओं की कमी,  कैशलेस एटीएम, कीमतों में भारी उछाल, मणिपुर में जनजीवन अस्त-व्यस्त

मणिपुर हिंसा ने राज्य के आम लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. मीडिया रिपोट्स के मुताबिक ब्लैक मार्केट में पेट्रोल 200 रुपये लीटर बिक रहा है. राज्य में एटीएम कैशलैस होते जा रहे हैं, जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी है और दुकानें हर दिन कुछ ही घंटे खुलती हैं. हाइवे ब्लॉक होने से परेशानियां बहुत बढ़ गई हैं और यह सब हफ्तों से जारी है.

एक महीना से अधिक हो गया है जब मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी. 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के खिलाफ एक विरोध रैली के बाद यह सब शुरू हुआ.

अब तक 98 लोगों की मौत
इस हिंसा के परिणामस्वरूप, दोनों समुदायों को अपूरणीय क्षति हुई और राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक महीने भर की हिंसा में 98 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि घायलों की संख्या 310 तक पहुंच गई.

दोनों समुदायों के कई सदस्यों ने अपने घरों को खो दिया और उन्हें राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. कई लोगों को अपने घर से हजारों किलोमीटर दूर दिल्ली, दीमापुर और गुवाहाटी में शरण मिल सकी है. लोग एक महीने से इंटरनेट कनेक्शन के बिना दुनिया से कटे हुए हैं.

दैनिक जीवन की जरूरी चीजों को जुटना मुश्किल
मणिपुर के विभिन्न इलाकों में छिटपुट हिंसा जारी है,  ऐसे में लोगों के लिए दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुओं को जुटाना मुश्किल हो रहा है. आवश्यक वस्तुओं की कीमत रातोंरात दोगुनी हो गई क्योंकि राष्ट्रीय नेशनल हाइवे 2 को ब्लॉक कर दिया गया है और मालवाहक ट्रकों को राजधानी इंफाल में प्रवेश करने से रोक दिया गया है.

जरूरी चीजों की कीमत हुई दोगुनी
मीडिया रिपोट्स मुताबिक चावल की औसत कीमत पहले के 30 रुपये से बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. सब्जियों की कीमत पर भी असर पड़ा है. प्याज, जो पहले 35 रुपये प्रति किलो था, अब 70 रुपये और आलू की कीमत 15 रुपये से बढ़कर 40 रुपये हो गई है. अंडे की कीमत अब 6 रुपये प्रति पीस से बढ़कर 10 रुपये प्रति पीस हो गई है. रिफाइंड तेल भी महंगा हो गया है और 220 रुपये के पुराने मूल्य से लगभग 250 रुपये से 280 रुपये तक बढ़ गया.

राज्य में लोग एक लीटर पेट्रोल के लिए काला बाजार में 200 रुपये तक का भुगतान कर रहे हैं क्योंकि अधिकांश ईंधन पंपों में ईंधन नहीं बचा हैं. कुछ चुनिंदा पेट्रोल पंपों पर जो अभी भी खुले हैं,  लंबी कतारें लगी हैं.

जीवन रक्षक दवाओं और ओवर-द-काउंटर दवाओं की भी भारी कमी है क्योंकि सड़कों को अवरुद्ध करना जारी है. लोगों द्वारा पैनिक-खरीदारी और जमाखोरी का सहारा लेने के बाद कमी और बढ़ गई थी.

राहत शिविरों में हालात बेहद खराब
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राहत शिविरों में शरण लेने वाले दोनों समुदायों के सदस्यों ने कहा कि सभी के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था और उन्हें भूखे पेट सोना पड़ता था. कई राहत शिविरों में, लोग बीमार पड़ रहे हैं और उन्हें कोई चिकित्सा सहायता नहीं मिली है क्योंकि उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है. बारिश के बावजूद वेक्टर जनित बीमारियों का हमला होने के बावजूद शिशुओं को बिना टीके के छोड़ दिया गया है.  

बढ़ती कीमतों के साथ ही कर्फ्यू से लोगों की मुश्किलें और बढ़ जाती हैं,  जिसमें हर दिन कुछ घंटों के लिए ही ढील दी जाती है, जब लोगों को दैनिक जरूरत या जरूरी दवाइयां खरीदने के लिए भीड़ लगानी पड़ती है. हालांकि खरीदारों विक्रेताओं को भुगतान करने में भी परेशानी आ रही है क्योंकि एटीएम में नकदी खत्म हो रही है,  बैंक बंद पड़े हैं और इंटरनेट कनेक्शन भी नहीं है.  इस बीच आरबीआई की 2,000 रुपये के नोटों की वापसी की घोषणा ने लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है.

हिंसा भड़कने के कुछ दिनों बाद, बैंक कुछ घंटों के लिए खुलने लगे क्योंकि कर्फ्यू में हर दिन एक या दो घंटे की और ढील दी जाती थी. हालांकि ताजा हिंसा भड़कने और कर्फ्यू में ढील समाप्त होने के कुछ दिनों बाद बैंकों को फिर बंद कर दिया गया.

मणिपुर के अपने हालिया दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गैस सिलेंडर, पेट्रोल और सब्जियों की आपूर्ति के लिए व्यवस्था की गई है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रहे लोगों को आश्वस्त करते हुए शाह ने कहा कि देश के बाकी हिस्सों से मणिपुर को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर एक अस्थायी प्लेटफॉर्म स्थापित करके सुनिश्चित की जाएगी.

केंद्रीय गृहमंत्री ने की यह अपील
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री ने रविवार को मणिपुर के लोगों से राष्ट्रीय राजमार्ग-दो से नाकेबंदी हटाने की अपील की, ताकि राज्य में भोजन, दवा और ईंधन जैसी बुनियादी और जरूरी चीजें पहुंच सकें. शाह ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर नागरिक समाज के सदस्यों से इस संदर्भ में पहल करने को कहा है. उन्होंने कहा, ‘मणिपुर के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि इंफाल-दीमापुर, राष्ट्रीय राजमार्ग-दो पर लगाई गई नाकेबंदी को हटा लें, ताकि भोजन, दवाइयां, पेट्रोल/डीजल और अन्य आवश्यक वस्तुएं लोगों तक पहुंच सकें.’

शाह ने कहा, ‘मैं यह भी अनुरोध करता हूं कि नागरिक संगठन आम सहमति बनाने के लिए जरूरी कदम उठाएं.’ शाह ने ट्वीट में आगे कहा, ‘हम सब मिलकर ही इस खूबसूरत राज्य में सामान्य स्थिति बहाल कर सकते हैं.’

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