आजादी के बाद 7 दशक में जितने डॉक्टर नहीं बनें, उतने 1 दशक में बनें - पीएम मोदी
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आजादी के बाद 7 दशक में जितने डॉक्टर नहीं बनें, उतने 1 दशक में बनें - पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस हॉस्पिटल के शिलान्यास समारोह में कहा कि देश के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं. आयुष्मान योजना ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है.

आजादी के बाद 7 दशक में जितने डॉक्टर नहीं बनें, उतने 1 दशक में बनें - पीएम मोदी

Sirohi,Abu Road News : प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा देश स्वास्थ्य सुविधाओं के ट्रांसफार्मेशन से गुजर रहा है. हेल्थ सेक्टर की एक चुनौती है, लेकिन इससे आज भारत सरकार हेल्थ सेक्टर में जो काम कर रही है, उसका प्रभाव आने वाले समय में दिखेगा.

पीएम मोदी ने कहा कि जितने डॉक्टर आजादी के बाद सात दशक में बने हैं, उतने डॉक्टर अगले एक ही दशक में ही मिलेंगे. राजस्थान के अंदर जल्द ही 20 से ज्यादा नए नर्सिंग कॉलेज बनेंगे, जिसका लाभ आप सभी को मिलेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस हॉस्पिटल के शिलान्यास समारोह में ये बात कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के सरकारी और प्राइवेट अस्पताल सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं. आयुष्मान योजना ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है.

पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख तक इलाज का खर्च सरकार उठाती है. योजना में अब तक चार करोड़ गरीब लाभ उठा चुके हैं. अगर वे खुद इलाज करवाते तो उन्हें 80 हजार करोड़ खर्च करने पड़ते. डॉक्टर्स, नर्सेस और मेडिकल स्टॉफ की कमी रही है.

2014 के बाद से पिछले 9 वर्षों में हर महीने एक नया मेडिकल कॉलेज खोला गया है. 9 वर्षों में 150 से अधिक मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं.  9 साल पहले जहां देश में 50 हजार एमबीबीएस की सीटें थीं. जिन्हें बढ़ाकर एक लाख किया गया है. वहीं पीजी में मात्र 30 हजार सीटें थीं, जिन्हें बढ़ाकर 65 हजार किया गया है.
जब इरादा नेक हो तो ऐसे ही संकल्प लिए जाते और सिद्ध भी किए जाते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि जब भी ब्रह्माकुमारीज में आता हूं, तो एक नई आध्यात्मिक अनुभूति होती है. परमपिता परमात्मा के आशीर्वाद और दादियों के स्नेह में लगातार वृद्धि होती है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने देश के लिए आपसे जो अपेक्षा की है, उसमें आपने अपने प्रयासों से ज्यादा कर दिखाया है. मेरे विश्वास को कई गुना कर दिया है. ब्रह्माकुमारीज द्वारा सामाजिक कल्याण के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं.

स्वच्छता अभियान में दादी जानकीजी ने स्वच्छता ब्रांड एंबेसेडर के रूप में और बहनों ने कमान संभालकर लोगों को प्रेति किया है. ब्रह्माकुमारी बहनें स्वास्थ्य जागरूकता से लेकर जल जन अभियान, आजादी के अमृत महोत्सव, नशा मुक्त भारत अभियान में प्रेरणास्त्रोत बनकर सामाजिक कल्याण में जुटी हैं.

ब्रम्हाकुमारी से सीखें जन आंदोलन कैसे खड़ा किया जाता है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से गरीब, असहाय और जरूरतमंद लोगों की सेवा की कमान आध्यात्मिक संस्थाओं ने संभाली है. मैं गुजरात भूकंप के समय से ब्रह्माकुमारीज बहनों की निष्ठा और सेवा का साक्षी रहा हूं. 

गुजरात में आए भूकंप के समय बहनों ने जो सेवाभाव से काम किया वो प्रेरणा देने वाला है. एक संस्था कैसे हर क्षेत्र में एक आंदोलन खड़ा कर सकती है.  ब्रह्माकुमारीज ने वो कर दिखाया. मैंने देश के लिए आपसे जो अपेक्षा की, उसे पूरा करने में ब्रह्माकुमारीज ने कोई कमी नहीं की है.

नैतिक मूल्यों को मजबूत कर रही संस्था
मोदी ने कहा कि आजादी के अमृत काल में सभी सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक संस्थाओं की बड़ी भूमिका रही है. इस कर्तव्य काल में हम जिस भूमिका में हैं, उसका शत प्रतिशत निर्वहन करें। अपने व्यवहार और जिम्मेदारियों का विस्तार है. 

पूरी निष्ठा के साथ हमें ये भी सोचना है कि हम अपने देश के लिए क्या कर सकते हैं. सभी ब्रह्माकुमार-ब्रह्माकुमारी प्रेरणापुंज हैं. ब्रह्माकुमारीज एक आध्यात्मिक संस्था के तौर पर समाज में नैतिक मूल्यों को मजबूत करने और समाज सेवा के कार्य करती रही है.  साइंस, हेल्थ - सोशल वर्क के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. 
माउंट आबू स्थित ग्लोबल चैरिटेबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के माध्यम से गांव-गांव में हेल्थ कैंप और रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है, जो समाजहित में कार्य है. 

ऐसे कार्यों में मानवीय प्रयास जरूरी हैं. जिस ग्लोबल हॉस्पिटल के निर्माम का संकल्प लिया है, वो स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार का काम करेगा. ब्रह्माकुमारीज गांव-गांव में जानकारी दें कि सरकार की तरफ से ऐसी योजनाएं चलती हैं, जनऔषधि केंद्र बने हुए हैं, यदि इसकी जानकारी आप लोगों को दें तो उसका भला हो जाएगा.

पीएम ने श्रीअन्न को बढ़ाने का किया आह्नान
प्रधानमंत्री ने श्रीअन्न यानी मिलेट्स को आगे बढ़ाने का आह्नान करते हुए कहा कि हमें नदियों को स्वच्छ करना है. प्राकृतिक खेती, भूजल संरक्षण हजारों साल पुरानी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ी है. मुझे आशा है कि भविष्य में भी ब्रह्माकुमारी बहनें राष्ट्र निर्माण से जुड़े विषयों को आगे बढ़ाएंगे. 

विश्व को सर्वे भवंतु सुखिन: के मार्ग पर आगे ले जाएंगे. राष्ट्र निर्माण में ऐसी योजनाओं को क्रिएटिव रूप से आगे बढ़ाएंगी. दुनिया जब महिला सशक्तीकरण की बात कर रही है हम जी-20 में महिला नेतृत्व को बढ़ाने की बात कर रहे हैं.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने आबू रोड में 50 एकड़ में बनने वाले ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस हॉस्पिटल का शिलान्यास किया. 250 बैड का यह हॉस्पिटल दो साल में बनाने का लक्ष्य रखा गया है. माउंट आबू स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल एंड रिसर्च हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रताप मिड्ढा ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज की ओर से 50 एकड़ में आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा. 

इससे स्थानीय जरूरतमंद लोगों को सहज ही इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. अभी तक यह व्यवस्था केवल बड़े शहरों में ही है. हॉस्पिटल में तन और मन का इलाज किया जाएगा. इसमें विशेष रूप से मेडिटेशन रूम बनाए जाएंगे ताकि दवा और दुआ दोनों के समन्वय से लोग जल्दी स्वस्थ हो सकें. हॉस्पिटल में आधुनिक उपकरणों के साथ विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं देंगे. 

डॉ. मिड्ढा ने बताया कि हॉस्पिटल निर्माण के साथ नर्सिंग कॉलेज का भी विस्तार किया जा रहा है. इससे पहले से ज्यादा सुविधाएं मरीजों को मिल सकेंगी. इसके साथ ही सीनियर सिटीजन होम के सेकंड फेज और नर्सिंग कॉलेज के एक्सटेंशन की भी नींव रखी.

ये सुविधाएं मिलेंगी
हॉस्पिटल में मुख्य रूप से न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी की विशेष यूनिट शुरू की जाएगी. इसमें जाने-माने विषय विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी सेवाएं देंगे। इसके अलावा प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी, पैलिएटिव केयर और जेरिएट्रिक केयर (वरिष्ठ नागरिक गृह) की भी सुविधा रहेगी. साथ ही तीसरे साल में हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के इलाज की सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है.

सुरक्षा के रहे कड़े इंतजामात
प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर चार-पांच दिन पूर्व से ही एसपीजी की टीम ने सुरक्षा व्यवस्था को अपने कंट्रोल में ले लिया. शांतिवन की हर गतिविधि पर नजर रखने के साथ एक-एक चीज को सुरक्षा की दृष्टि से बारीकी से परखा गया. कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति का रिकार्ड मेटेंन करने के साथ सभी के लिए पास जारी किए गए. कार्यक्रम के पूर्व पूरे समय एसपीजी और स्थानीय पुलिस-प्रशासन की टीम लोगों को दिशा-निर्देश संबंधी एनाउंसमेंट करती रही.

लघु भारत की झलक दी दिखाई
राजयोग ध्यान शिविर में भाग लेने के लिए इस बार बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल के अलग-अलग जिलों से नौ हजार से अधिक लोग शांतिवन पहुंचे हैं. इनमें से ज्यादातर लोग पहली बार आबू रो आएं हैं. सभी लोगों में प्रधानमंत्री की एक झलक देखने के लिए उत्साह नजर आया.

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