Jaipur News: राजस्थान में आबकारी विभाग जैसे खुद भी मदहोश है. हाईवे पर 220 मीटर शराब दुकान खोली जा सकती है, लेकिन अजमेर हाईवे पर मात्र 20 फुट दूरी पर शराब दुकान खुली हुई हैं. विभाग के अधिकृत लाइसेंसी ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन कर रहे हैं. क्या है पूरा मामला,
हाईवे पर शराब के नशे में होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया था. आदेश में कहा गया कि नेशनल और स्टेट हाईवेज पर शराब की सहज उपलब्धता नहीं होनी चाहिए. इसके लिए शराब की दुकानें हाईवे से कम से कम 220 मीटर दूर खोली जानी चाहिए. हाईवे पर शराब की दुकान तो दूर, उसका बोर्ड भी नहीं लगाया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश की राजस्थान में शराब दुकान संचालक जमकर मखौल उड़ा रहे हैं. रोचक यह है कि आबकारी विभाग अपनी लापरवाही से या फिर मिलीभगत से इन शराब दुकान संचालकों को खुली छूट दे रहा है. इन शराब दुकान संचालकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जयपुर से अजमेर जाने वाले हाईवे एनएच-48 पर दोनों तरफ शराब की दुकानें खुली हुई हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शराब दुकान की दूरी 220 मीटर होनी चाहिए, लेकिन अजमेर हाईवे पर मात्र 20 से 30 फुट दूरी पर ही दुकानें खुली हुई हैं. शराब दुकानों के लम्बे चौड़े बोर्ड और होर्डिंग तो हाईवे पर दुपहिया लेन पर ही लगे हुए हैं.
यह दुकानें जयपुर शहर से बाहर निकलते ही दूदू, किशनगढ़ और आगे अजमेर तक हाईवे पर चल रही हैं. हाईवे के पड़ासोली, सावरदा, मोखमपुरा, दातरी, गिदानी और दूदू-फागी स्टेट हाईवे पर मौजमाबाद में खुलेआम स्टेट हाईवे किनारे शराब के ठेके संचालित किया जा रहे हैं.
अजमेर हाईवे पर शराब दुकानों का खुला उल्लंघन देखने को मिल रहा है. उदाहरण के तौर पर, माधोपुरा में सुखसागर होटल के पास हाईवे पर शराब दुकान खुली हुई है, जहां 'ठेका' लिखे बोर्ड सड़क पर लगे हुए हैं और शराब का कंटेनर 40 मीटर दूर है. इसी तरह, पड़ासोली के पास ठेका, अंग्रेजी शराब दुकान का बोर्ड सड़क पर लगा हुआ है और शराब दुकान का कंटेनर हाईवे से 30 मीटर दूर लगा हुआ है. दूदू में भी शराब दुकान के लम्बे-चौड़े 4 बोर्ड सड़क पर लगे हुए हैं और शराब दुकान की हाईवे से दूरी मात्र 30 फुट है. इसके अलावा, आकोदा में शराब दुकान हाईवे से मात्र 30 फुट दूर है और शराब दुकान की दीवार पुती हुई है, हाईवे पर ही बोर्ड लगे हुए हैं.
नेशनल हाईवे और स्टेट हाइवे पर शराब कारोबारी नियमों के विरुद्ध शराब की दुकानें संचालित कर आबकारी नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा लापरवाही से या फिर मिलीभगत से इन दुकानों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. एनएच 48 पर सड़क किनारे बाकायदा शराब के ठेकों के बोर्ड लगाकर लाइसेंसशुदा ठेकेदार दुकाों संचालित कर रहे हैं.
आबकारी अधिकारियों से मिलीभगत कर दुकानों की लोकेशन हाईवे के 220 मीटर दूर पास करवाई जाती है, लेकिन हाईवे पर कंटेनर या दुकानें खोलकर नियम तोड़े जा रहे हैं. नेशनल हाईवे पर शराब दुकानें होने से वाहन चालकों को शराब की सहज उपलब्धता हो रही है. इससे हाईवे पर सड़क हादसे होने की आशंका भी बनी रहती है. हाईवे पर जो दुकान और गोदाम खोले गए हैं, वे भी अस्थाई कंटेनर में खोले गए हैं. जबकि नियमानुसार दुकान केवल स्थाई निर्माण में ही खोली जा सकती है.
शराब खरीदने पर उपभोक्ता को बिल देने का प्रावधान है. लेकिन दूदू में संचालित शराब ठेकेदार नियमों की अनदेखी कर रहे हैं और ओवर रेट भी लोगों को शराब बेची जा रही है.