चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूल में संस्था प्रधान और महिला टीचर की डर्टी पिक्चर के मामलें में एक बड़ा खुलासा हुआ है. कुछ जागरुक ग्रामीणों ने स्टिंग ऑपरेशन के तहत संस्था प्रधान के कक्ष में हिडन कैमरा लगाया था.
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Chittorgarh News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के सरकारी स्कूल में संस्था प्रधान और महिला टीचर की डर्टी पिक्चर के मामलें में एक बड़ा खुलासा हुआ है. ज़ी मीडिया की तफ्तीश में सामने आया है कि राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय सालेरा में पूरे स्कूल परिसर और स्कूल के किसी भी कक्ष में कही भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था बल्कि संस्था प्रधान और महिला टीचर की कारगुजारियों को सामने लाने के लिए कुछ जागरुक ग्रामीणों ने स्टिंग ऑपरेशन के तहत संस्था प्रधान के कक्ष में हिडन कैमरा लगाया था.
ग्रामीणों का कहना है कि संस्था प्रधान के लंबे समय से महिला टीचर के साथ अनैतिक संबंध थे. कई दफा स्कूल के छात्र छात्राओं ने संस्था प्रधान को महिला टीचर के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. इसे लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों ने संस्था प्रधान से शिक्षा के मंदिर में ऐसी हरकतें न करने की समझाइश की गई.
बावजूद इसके शिक्षा प्रधान की हरकतों पर लगाम नहीं लगा और उल्टे संस्था प्रधान की ओर से ग्रामीणों को राजकार्य में बाधा पहुंचाने की धमकियां दी जाती थी. अब-जब ग्रामीणों ने स्टिंग ऑपरेशन के मार्फत संस्था प्रधान के काले कारनामों का खुलासा कर दिया. ग्रामीणों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट धमकियां मिल रही है.
मिली जानकारी के अनुसार, चित्तौड़गढ़ के डर्टी पिक्चर केस में वायरल वीडियों के मुख्य कर्ता धर्ता संस्था प्रधान को लेकर नए नए खुलासे सामने आ रहे हैं. संस्था प्रधान पर ग्रामीणों ने कई गंभीर आरोप लगाए है. ग्रामीणों का आरोप है कि संस्था प्रधान जो कि खुद एक टीचर है. उसने अपने रसूख के दम पर कई सालों से सालेरा उच्च प्राथमिक विद्यालय में मूल पद पर किसी संस्था प्रधान की नियुक्ति नहीं होने दी, बल्कि खुद ही कार्यवाहक संस्था प्रधान बनकर कभी दादागिरी तो कभी राजनीतिक रसूखात के दम पर स्कूल में अपनी मनमानी करता रहा.
वहीं, आठवीं कक्षा तक संचालित सरकारी स्कूल में संस्था प्रधान ने अपने कक्ष में किसी बड़े अधिकारी के माफिक सोफे, कुर्सियां लगाकर बैठने की आलीशान व्यवस्था की हुई थी. वहीं, कुर्सियां, सोफा और पास ही आरोपी महिला टीचर के बैठने की टेबल को खिड़की और एक बड़े कांच के साथ इस कदर व्यवस्थित किया हुआ था कि कक्ष में प्रवेश करने से पहले कोई भी व्यक्ति उनकी नजर से होकर ही गुजरे.