Somvati Amavasya 2023 Date: माना जाता है कि अगर पितृ प्रसन्न हो तो घर में सुख शांति बनी रहती है और अगर पितर नाराज हो तो पुरे परिणाम भुगतने पड़ते है. ऐसे में सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन की पूजा से रूठे पितरों को मनाया जा सकता है.
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Somvati Amavasya 2023 Date: माना जाता है कि अगर पितृ प्रसन्न हो तो घर में सुख शांति बनी रहती है और अगर पितर नाराज हो तो पुरे परिणाम भुगतने पड़ते है. ऐसे में सोमवती अमावस्या हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन की पूजा से रूठे पितरों को मनाया जा सकता है.
हिंदू पंचागं के अनुसार 20 फरवरी को सोमवती अमावस्या है. इस दिन पितरों को तर्पण कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है. नदियों में स्नान कर दान कर पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है.
सोमवती अमावस्या 2023 तिथि (Somvati Amavasya 2023 Tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार 19 फरवरी की शाम 04 बजकर 17 मिनट से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है. जो अगले दिन 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक है. इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को होगी.
सोमवती अमावस्या 2023 स्नान-दान-मुहूर्त (Somvati Amavasya 2023 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार दान- स्नान 20 फरवरी की सुबह ही शुरू हो जाएगा, लेकिन अमृत महूर्त सुबह 06 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर सुबह 08 बजकर 21 मिनट तक और फिर सुबह 09 बजकर 44 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 11 मिनट तक शुभ-उत्तम मुहूर्त होगा. अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त में स्नान और दान अच्छा माना जाता है.
शुभ योग
सोमवती अमावस्या पर परिघ योग सुबह 11 बजकर 03 मिनट तक है और उसके बाद शिव योग है. इन योगों को ज्योतिष में बेहद अहम माना गया है. ये योग दोगुना फल देने वाले हैं.
सोमवती अमावस्या पर पीपल की पूजा करने से पितृ प्रसन्न हो जाते हैं. वहीं इस दिन दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव का कच्चे दूध और गंगाजल से अभिषेक करे तो सभी बीमारियों समाप्त हो जाती हैं.