सीकर के किसान का बेटा राजेश जाखड़ बना RAS, बचपन की इस घटना ने बदल दी जिंदगी
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सीकर के किसान का बेटा राजेश जाखड़ बना RAS, बचपन की इस घटना ने बदल दी जिंदगी

राजधानी जयपुर चौमूं उपखंड कार्यालय में एसडीएम प्रियव्रत सिंह चारण का तबादला होने के बाद राजेश जाखड़ को एसडीएम के पद पर लगाया गया है. RAS जाखड़ ने आज पदभार ग्रहण किया. नवनियुक्त एसडीएम राजेश जाखड़ को प्रशिक्षण के बाद पहली पोस्टिंग दी गई है.

सीकर के किसान का बेटा राजेश जाखड़ बना RAS, बचपन की इस घटना ने बदल दी जिंदगी

राजधानी जयपुर चौमूं उपखंड कार्यालय में एसडीएम प्रियव्रत सिंह चारण का तबादला होने के बाद राजेश जाखड़ को एसडीएम के पद पर लगाया गया है. RAS जाखड़ ने आज पदभार ग्रहण किया. नवनियुक्त एसडीएम राजेश जाखड़ को प्रशिक्षण के बाद पहली पोस्टिंग दी गई है. उन्होंने ने कहा कि सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की क्रियान्वित ही करना मेरा पहला लक्ष्य होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेवन्यू कोर्ट में पेंडेंसी को निपटाना भी मुख्य उद्देश्य होगा.

रेवेन्यू कोर्ट की पेंडेंसी निपटाने के लिए कोर्ट लगेगा. इससे पहले प्रशिक्षण के दौरान भी राजेश जाखड़ ACM के पद पर 2 महीने यहां सेवा दे चुके हैं. प्रशासनिक सेवा में आने से पहले सेना में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर सिक्किम में तैनात थे. सेना की नौकरी के साथ ही प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू की और दूसरे प्रयास में 2018 में 29 वी रैंक हासिल की। वे बताते हैं कि संघर्ष की कोई बड़ी कहानी नहीं रही है दसवीं कक्षा 2006 में पास की तब 88 फीसदी अंक आए थे. उसके बाद बीटेक की पढ़ाई की और उसके पश्चात एलएलबी करके हिंदी से m.a. कर लिया.

साथ में यूपीएससी की तैयारी करते रहे. तो असिस्टेंट कमांडेंट पर चयन हो गया. सिलसिला यहीं नहीं थमा 3 साल सेना में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नौकरी की. और साथ में प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में जुट गए. राजेश जाखड़ के माता-पिता किसान है. सीकर के पास एक छोटा सा गांव है बानूड़ा. मूलतः बानूड़ा गांव के रहने वाले हैं. अपने जीवन का पुराना किस्सा बताते हैं कि जब छोटा था तो दादा पिता रास्ते के विवाद को लेकर तहसीलदार के दफ्तर चक्कर काटकर आते थे और वापस आकर बताते थे कि तहसीलदार मिला नहीं तहसीलदार गुस्से में बात कर रहा था. काम हुआ नहीं. उस दिन से मन बनाया. की मैं भी रास्ते खोलने वाला अधिकारी बनूंगा. बस फिर क्या था तैयारी शुरू की मेहनत रंग लाई और रास्ता मिल गया और रास्ते खुल गए और मैंने भी सालों से बन्द रास्ते खोलने का काम शुरू कर दिया है.

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