4 Policies implement Budget 2025: राज्य सरकार प्रदेश में 4 पॉलीसियां लागू करने की तैयारी कर चुकी हैं. चारों पॉलिसी का ड्राफ्ट मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास पहुंच चुका है.
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4 Policies implement Budget 2025: राज्य सरकार बजट सत्र 2025 से पहले प्रदेश में चार और पॉलिसी लागू करने की पूरी तैयारी कर चुकी है. इसमें निजी औद्योगिक पार्क योजना, डाटा सेंटर, गारमेंट अपैरल पार्क और लॉजेस्टिक पॉलिसी शामिल है. इन चारों पॉलिसी का ड्राफ्ट मंजूरी के लिए भजनलाल शर्मा के पास पहुंच चुका है. खास यह है इन पॉलिसी को भी इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली यानी प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो इसे देखते हुए तैयार किया गया है.
मुख्यमंत्री शर्मा को भेजे गए इन ड्राफ्ट में स्वीकृति प्रक्रिया केवल एक रुपए में दे देने से लेकर स्टाम्प ड्यूटी और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100 फीसदी छूट देने तक प्रस्तावित है. सरकार निजी औद्योगिक योजना में तो डवलपर्स को लोन के ब्याज पर सब्सिडी देने की भी तैयारी कर चुकी है.
इन सभी में जो निवेशक डवलपर औद्योगिक पार्क में मजदूरों, कारीगरों के लिए आवास की व्यवस्था करेगा, उसे ज्यादा छूट मिलेगी. इसी तरह बाकी पॉलिसी में कई तरह की छूट देने को प्रस्तावित किया गया है. इस योजना के लिए नोडल एजेंसी रीको की बजाय उद्योग विभाग को बनाया जाएगा.
1- प्रदेश की डेटा सेंटर पॉलिसी में मिलेगी इतनी छूट?
औद्योगिक क्षेत्रों का डेटा एक ही जगह पर एकत्रित हो, इसलिए इन क्षेत्रों के आस-पास डेटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा. ड्राफ्ट पॉलिसी में इसके लिए न्यूनतम 2 मेगावाट इंस्टॉलेशन क्षमता होना जरूरी है. इलेक्ट्रसिटी ड्यूटी में सात साल तक 100 फीसद की छूट, बैंकिंग, व्हीलिंग व ट्रांसमिशन चार्ज में 10 साल तक 100 फीसद की छूट दी जाएगी.
2- गारमेंट एवं अपैरल पॉलिसी
गारमेंट एवं अपैरल पॉलिसी के अंतर्गत निजी टेक्सटाइल पार्क, अपैरल पार्क आता है. इसे पहली बार अनुदान दिया जाएगा. कोई भी उद्योग अगर 200 सीट का ट्रेनिंग सेंटर खोलता है, तो अगले पांच साल के दौरान उसके लिए अनुदान देना प्रस्तावित.
3- राजस्थान लॉजिस्टिक पॉलिसी
राजस्थान के बड़े हिस्से से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निकलता है, जो औद्योगिक क्षेत्रों का नया रिकॉर्ड कायम करेगा. वहीं 7 नए ग्रीन एक्सप्रेस-वे बनेंगे. इस रूट को मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जाने वाला है.
4-निजी औद्योगिक पार्क पॉलिसी
राज्य में कम से कम 50 एकड़ जमीन पर औद्योगिक पार्क बना सकेंगे, न्यूनतम 10 यूनिट उद्योग संचालित करना जरूरी होगा. 90 फीदस सिविल कार्य और 50 प्रतिशत भूखंड बिकने के बाद ही प्रोजेक्ट को कारागार माना जाएगा. 10 फीसद भूखंड एमएसएमई के लिए आरक्षित करना जरूरी होगा. पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप या ज्वाइंट वेंचर मॉडल भी दिया जाएगा. स्टॉम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज और भूउपयोग परिवर्तन शुल्क में 100 फीसद की मिलने वाली है छूट.