क्या धारीवाल, जोशी और राठौड़ को मिल गई क्लीन चिट? क्योंकि सोनिया गांधी के दफ्तर से नहीं आया कोई जवाब, तो इसे क्या 'मौनम स्वीकृति लक्षणम' मानें
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क्या धारीवाल, जोशी और राठौड़ को मिल गई क्लीन चिट? क्योंकि सोनिया गांधी के दफ्तर से नहीं आया कोई जवाब, तो इसे क्या 'मौनम स्वीकृति लक्षणम' मानें

Rajasthan Politics: सोनिया गांधी के कार्यालय से कोई जबाव न आने के बाद राजस्थान की सियासत में इन दिनों इस बात कि चर्चा जोरो पर है कि क्या शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ और महेश जोशी को हाई कमान ने क्लीन चिट दे दी है, क्योंकि हाई कमान का इस मामले पर कोई जवाब नहीं आया है. अब इसे मौनम स्वीकृति लक्षणम' माना जा रहा है.

 

फाइल फोटो.

Rajasthan Politics: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को जोड़ने की कवायद भी दिखाई है, शायद यही कारण है कि 25 सितंबर को जयपुर में आहूत विधायक दल की बैठक में नहीं आने के चलते कांग्रेस पार्टी ने जिन तीन नेताओं को नोटिस दिया था, उन्हें अब माफ कर दिया गया है. दरअसल माना यही जा रहा है कि पार्टी भी अब संगठन में किसी तरह के मतभेद को बढ़ावा नहीं देना चाहती. इसलिए सारे मतभेद भुलाकर आगे बढ़ने का फैसला लिया गया है. वरिष्ठ कांग्रेसी एके एंटनी की अगुवाई वाली अनुशासन कमेटी ने पिछले दिनों इस मामले को ठंडे बस्ते में डालकर धर्मेंद्र राठौड़, महेश जोशी और शांति धारीवाल को माफ कर दिया है.

यही कारण है कि अलग-अलग समय पर शांति धारीवाल महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ भारत जोड़ो यात्रा में सक्रिय दिखाई दिए. धर्मेंद्र राठौड़ ने तो मंगलवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर अपनी क्लीन चिट पर मुहर भी लगवा दी.

कांग्रेस पार्टी में बीती 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक के वक्त जो बखेड़ा खड़ा हुआ वह थम गया है. 25 सितंबर के दिन आहूत की गई विधायक दल की बैठक में पहुंचने के बजाय कांग्रेस और समर्थित विधायकों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के घर पहुंचने वाले मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को कांग्रेस पार्टी ने क्लीनचिट दे दी है। संकेत तो यही है कि यह क्लीनचिट पहले पार्टी आलाकमान और फिर अनुशासन कमेटी के स्तर पर दी गई है.

दरअसल पिछले दिनों कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक हुई थी। पूर्व रक्षा मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एके एंटनी की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में तारिक अनवर, अंबिका सोनी और जी आर राजू भी शामिल हैं, कमेटी की फुल बेंच की बैठक हुई, जिसमें सभी सदस्य मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि अनुशासन कमेटी ने तीनों नेताओं के माफीनामा मिलने के बाद सोनिया गांधी के दफ्तर भेजकर इस मामले में जरूरी मार्गदर्शन चाहा था. सोनिया गांधी के दफ्तर से कोई जवाब नहीं आया तो इसे ''मौनम स्वीकृति लक्षणम'' मानते हुए कमेटी आगे बढ़ी.

 कमेटी के लोगों का मानना था कि आलाकमान के दफ्तर से जवाब नहीं आने का मतलब यही निकलता है कि तीनों नेताओं को अभयदान दे दिया गया है. बताया यह भी जा रहा है कि तीनों नेताओं ने नोटिस का जो जवाब दिया था, उसमें बिना शर्त पार्टी नेतृत्व से माफी मांगी गई थी. पार्टी का मानना है कि माफी मांगने के बाद इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं बच जाता. 

ऐसे में पार्टी ने भूलो और आगे बढ़ो के सिद्धांत पर काम करना ही उचित समझा. यही कारण है कि पिछले दिनों में पहले भारत जोड़ो यात्रा की तैयारी में धर्मेंद्र राठौड़ सक्रिय दिखाई दिए. फिर कोटा में मंत्री शांति धारीवाल ने राहुल गांधी के साथ कदमताल किया तो महेश जोशी भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए. पार्टी आलाकमान की क्लीनचिट के बाद कांग्रेस पार्टी के तीनों नेता अपने-अपने काम में सक्रियता से लग गए हैं.

हालिया मामले को देखें तो मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से आरटीडीसी चेयरमैन और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ की मुलाकात से भी यही संकेत मिल रहे हैं, खड़गे से मुलाकात करके धर्मेंद्र राठौड़ ने खुद को मिली क्लीनचिट पर भी एक बार फिर से मुहर लगवा दी है.

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