Makar Sankranti Special: मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर शासन सचिव डॉ. समित शर्मा का सलाह, इन बातों का रखें ध्यान
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Makar Sankranti Special: मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर शासन सचिव डॉ. समित शर्मा का सलाह, इन बातों का रखें ध्यान

Makar Sankranti Special: राजस्थान में मकर संक्रांति को लेकर पूरे प्रदेश में हर्सोल्लास का माहौल है. पतंगबाजी का शोर सुनाई देने लगा है. मकर संक्रांति के इस शुभ अवसर पर किसी की जान पर ना बन आए इसके लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. 

 

Makar Sankranti Special

Makar Sankranti Special: राजस्थान में मकर संक्रांति को लेकर पूरे प्रदेश में हर्सोल्लास का माहौल है. पतंगबाजी का शोर सुनाई देने लगा है.  मकर संक्रांति के इस शुभ अवसर पर किसी की जान पर ना बन आए इसके लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी की है. डेयरी विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए विभाग की ओर से पतंगबाजी को लेकर लोगों और पक्षियों की सुरक्षा के लिए एडवायजरी जारी की है. 

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जिला कलेक्टरों को समित शर्मा ने पत्र लिखे. एडवाइजरी में समित शर्मा ने कहा कि प्रदेश में मकर संक्राति पर्व पर पतंगबाजी के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को जान का खतरा बना रहता है. पतंग उड़ाते समय ज्यादा धारदार या किसी सिंथेटिक सामान से बने मांझों पर लोहे अथवा कांच के पाउडर की कोटिंग से लोगों एवं पशु पक्षियों को हानि पहुंचने की संभावना होती है. 

साथ ही यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से बने होने के कारण विद्युत सुचालक भी हो जाता है, जिससे बिजली के तारों के संपर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों के लिए खतरा हो सकता है. इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए ऐसी सामग्री से निर्मित मांझों पर तत्काल प्रतिबंधात्मक रोक लगाने की कार्रवाई किया जाना आवश्यक है.

जागरूकता अभियान चलाया जाए

डॉ. समित शर्मा ने कहा कि एनजीटी के प्रतिबंधों के बारे में विभिन्न माध्यमों से लोगों के बीच में प्रचार प्रसार कराया जाए. लोगों को सूती धागों या बायोडिग्रेडेबल सामग्री से बने धागों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाए. स्कूलों, कॉलेजों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया जाए. 

डॉ. समित शर्मा ने घायल पक्षियों के बचाव के लिए विशेष प्रबंध करते हुए उनके इलाज के लिए सभी जिलों में मकर संक्रांति के अवसर पर पशुपालन विभाग/स्वयंसेवी संस्थाओं/पक्षी प्रेमियों के माध्यम से पक्षी चिकित्सा शिविर लगाने के निर्देश दिए. साथ ही हेल्पलाइन नंबर जारी करने के भी निर्देश दिए हैं.

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