Rajasthan: राजस्थान के 80 लाख पेंशनधारियों की अब पेंशन की टेंशन हुई खत्म, इस एप से करवा सकेंगे वेरीफिकेशन
Advertisement

Rajasthan: राजस्थान के 80 लाख पेंशनधारियों की अब पेंशन की टेंशन हुई खत्म, इस एप से करवा सकेंगे वेरीफिकेशन

Rajasthan: राजस्थान के 80 लाख पेंशनधारियों को अब पेंशन के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अब घर बैठे ही वे अपना एनुअल वेरीफिकेशन करवा सकते हैं.सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जल्द ही एप लॉच करने जा रहा है, जिससे पात्र पेंशनधारियों की पेंशन नहीं अटकेगी और समय पर पेंशन वेरीफाई भी होगी.

 

Rajasthan: राजस्थान के 80 लाख पेंशनधारियों की अब पेंशन की टेंशन हुई खत्म, इस एप से करवा सकेंगे वेरीफिकेशन

Rajasthan: राजस्थान में 80 लाख से ज्यादा पेंशनधारियों को सामाजिक सुरक्षा योजना के जरिए हर महीने पेंशन मिलती है. लेकिन हर साल ईमित्र पर जाकर पेंशनधारियों को वेरीफिकेशन के लिए जाना पड़ता है.जिसमें कई दिक्कते पेंशनधारियों को आती थी.लेकिन अब इन सभी समस्याओं से पेंशनधारियों को छुटकारा मिलेगा.क्योंकि अब घर बैठे ही पेंशनधारी खुद ही पेंशन वेरीफाई कर सकेगा. सामाजिक न्याय विभाग एक एप लॉच करने जा रहा है, जिसमें पेंशनधारी खुद अपना वेरीफिकेशन कर सकता है. इस एप में फेस रीड के आप्शन के जरिए पेंशन वेरीफाई हो जाएगी. यह एप सामाजिक न्याय विभाग फरवरी के पहले सप्ताह में लॉच करने जा रहा है.

एप के फायदे अनेक
सामाजिक न्याय विभाग के सचिव समित शर्मा की पहल के बाद में एक बार फिर विभाग में नवाचार किया जा रहा है.तकनीक के इस दौर में सरकारी विभाग में एप के माध्यम से पेंशन वैरीफाई होगी. ईमित्र से पेंशन का भौतिक सत्यापन करवाने के लिए पेंशनधारियों को जाना पडता था.जिसमें फिंगर प्रिंट,ओटीपी नंबर के जरिए पेंशन वेरीफाई होती थी.लेकिन बाद में फर्जीवाडा बढा तो ओटीपी सिस्टम बंद कर दिया.लेकिन इसके बाद में पात्र पेंशनधारियों की दिक्कते बढ गई है. क्योंकि बहुत से पेंशनधारी ऐसे थे, जिनके प्रिंट ही फिंगर से गायब हो गए.फिर फिंगर प्रिंट कैसे आएंगे.

ईमित्र पर नहीं जाना पड़ेगा
बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशनधारियों को ईमित्र तक पहुंचने में दिक्कते होती है.लेकिन अब एप के माध्यम से घर बैठे वे अपना पेंशन वेरीफाई करवा सकते है.इस एप के बाद में फर्जीवाड़े होने की संभावना बहुत कम होगी.

ये भी पढ़ें- आंख नहीं है फिर भी अलवर की लाडो रेखा ने जीते तीन गोल्ड मेडल, पिता मजदूर हैं और मां लकड़ी के छबड़े बनाकर करती है गुजारा

 

Trending news