Net Banking आपकी एक गलती आपके ट्रांसफर किए रूपयों को दूसरे के अकाउंट में पहुंचा सकती है या फिर आपका पेमेंट फंस सकता है. चलिए बताते हैं इन तीनों मोड में क्या फर्क है.
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Net Banking : डिजिटल इंडिया में अब सब्जी भी लेनी हो तो मोड ऑफ ट्रांसैक्शन बदल चुका है. हर कोई डिजिटल पेमेंट कर रहा है. ये जितना आसान है उतना ही रिस्की भी है. जिस पेमेंट मोड का आप प्रयोग कर रहे हैं. उसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए. जैसे की जब आप कोई ट्रांसैक्शन करतें हैं तो एप के लास्ट में आपसे मोड पूछा जाता है. ये NEFT, RTGS और IMPS ट्रांजैक्शन सिस्टम क्या है, आपको आज समझाते हैं.
नेट बैंकिंग के जरिए आसानी से आप रुपयों को ट्रांसफर कर सकते हैं. लेकिन नेटबैंकिंग के दौरान NEFT, RTGS और IMPS ट्रांजैक्शन मोड को सेलेक्ट करना जरुरी होता है. क्या आपको पता है कि NEFT, RTGS और IMPS ट्रांजैक्शन मोड क्या है.
आपकी एक गलती आपके ट्रांसफर किए रूपयों को दूसरे के अकाउंट में पहुंचा सकती है या फिर आपका पेमेंट फंस सकता है. चलिए बताते हैं इन तीनों मोड में क्या फर्क है.
NEFT (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर)
नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, नेशनल लेवल सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम माना जाता है. जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)के अंडर में आता है. NEFT ट्रांजैक्शन मोड से रुपयों के ट्रांसफर में आधे घंटे का वक्त लगता है. अगर किसी को जल्दी में रूपये ट्रांसफर करने हैं तो इस मोड को चुन सकते हैं. जिसके बदले में बैंक आपसे कुछ रुपये चार्ज भी कर सकता है.
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS)
इस मोड के जरिए चंद सैकंड में पेमेंट हो सकता है. जैसे ही आपने पेमेंट बटन को क्लिक किया. पेमेंट हो जाएगा. इस मोड के जरिए सिर्फ 2 लाख से ज्यादा की रकम को ट्रांसफर किया जा सकता है. लेकिन इसका टाइम फिक्स है सुबह 8 बजे से शाम बजे तक ही ये मोड प्रयोग किया जा सकता है. ये पूरा लेनदेन RBI की बुक में नोट होता है.
इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस (IMPS)
IMPS यानी एक इनोवेटिव रीयल टाइम पेमेंट सर्विस, जिसके जरिए 1 रुपये से लेकर 2 लाख तक पेमेंट किया जा सकता है. ये सुविधा 24 घंटे तक मिलती है.ये सर्विस नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की है.