Jaipur: प्रतापसिंह खाचरियावास का बड़ा बयान, बोले- बिना 'मेयर' नगर निगम हैरिटेज में अच्छा काम हो रहा
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Jaipur: प्रतापसिंह खाचरियावास का बड़ा बयान, बोले- बिना 'मेयर' नगर निगम हैरिटेज में अच्छा काम हो रहा

Nagar Nigam Heritage :मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद कांग्रेस बोर्ड वाले हैरिटेज निगम में राज्य सरकार मेयर को लेकर पिछले पंद्रह दिन में कोई फैसला नहीं कर पाई हैं. इस बीच सिविल लाइन विधायक और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा की बिना मेयर के नगर निगम हैरिटेज अच्छा चल रहा है. किसी के काम नहीं अटक रहे हैं. 

Jaipur: प्रतापसिंह खाचरियावास का बड़ा बयान, बोले- बिना 'मेयर' नगर निगम हैरिटेज में अच्छा काम हो रहा

Nagar Nigam Heritage Jaipur, Pratapsingh Khachariawas News: राजस्थान नगर निगम हैरिटेज में दो पखवाडे़े बाद ही शहरी सरकार की मुखिया की कुर्सी खाली हैं. मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद कांग्रेस बोर्ड वाले हैरिटेज निगम में राज्य सरकार मेयर को लेकर पिछले पंद्रह दिन में कोई फैसला नहीं कर पाई हैं. इस बीच सिविल लाइन विधायक और मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बयान देते हुए कहा की बिना मेयर के नगर निगम हैरिटेज अच्छा चल रहा है. किसी के काम नहीं अटक रहे हैं. पट्टा जारी करने के अधिकार आयुक्त को दे दिए हैं.

मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद 

उन्होंने मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद कार्यवाहक मेयर बनाने के सवाल पर कहा की पिछली बार मैने मेरी विधानसभा क्षेत्र से मेयर बनाया तो उसका परिणाम में भुगत रहा हूं. अब फैसला किशनपोल और आदर्शनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को करना है किसे वो मेयर बनाना चाहते हैं, क्योंकि मुस्लिम पार्षदों की संख्या 29 से ज्यादा हैं और पहले से नगर निगम हैरिटेज में डिप्टी मेयर भी अल्पसंख्यक हैं.

मुखिया की कुर्सी खाली

दरअसल, हैरिटेज नगर निगम सीमा क्षेत्र में कांग्रेस के चार विधायक हैं और इनमें से दो मंत्री हैं. सभी की एक राय न होने से एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है. पिछले ढाई साल में चारों विधायक मिलकर समितियां तक तय नहीं कर पाए, जबकि समितियों की मांग को लेकर निर्दलीय पार्षद आठ बार धरना दे चुके हैं. भले ही कांग्रेस के चारों विधायकों में एक नाम को लेकर सहमति नहीं बन पा रही हो, लेकिन सरकार सीधे ही कार्यवाहक महापौर की घोषणा कर सकती है.

जबकि नगर निगम ग्रेटर में छह जून 2021 को ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को राज्य सरकार ने निलम्बित कर दिया था. अगले ही दिन भाजपा की पार्षद शील धाभाई को कार्यवाहक महापौर बना दिया.

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स्वायत्त शासन विभाग ने जो आदेश निकाला उसमें लिखा कि धाभाई अन्य पिछड़ा वर्ग (महिला) से आती हैं. ग्रेटर की वरिष्ठता, अनुभव और राजनीतिक दल के बहुमत को ध्यान में रखते हुए उनको कार्यभार सौंपा जाता है. 27 सितम्बर 2022 को सौम्या गुर्जर की बर्खास्त होने के साथ ही शील धाभाई को फिर से कार्यवाहक महापौर की जिम्मेदारी सरकार ने दे दी थी. लम्बी लड़ाई के बाद सौम्या गुर्जर ने कोर्ट आदेश के बाद महापौर की कुर्सी संभाली. कार्यभार ग्रहण करने के दो घंटे बाद ही सरकार ने नोटिस दे दिया, हालांकि इस नोटिस के बाद राज्य सरकार ने ढिलाई दे दी और उसके बाद से वे महापौर की कुर्सी पर हैं.

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