Motivation: देशभर में प्राय़: यही होता है कि जितनी बड़ी परीक्षा उसकी तैयारी के लिए जरूरी होती है उतनी ही मोटी रकम. और पैसे की वजह से बहुत से छात्रों के सपने मर जाते हैं. लेकिन कोटपूतली की प्रियंका ने विपरीत हालात के बाद भी नीट में परचम लहराया है.
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Motivation: नीट 2022 का परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है. इसमें कुछ छात्र ऐसे भी हैं, जिनकी सफलता मोटिवेट करेगी उन छात्रों को जो संसाधनों और सुविधाओं के आभाव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. कभी उदास हो जाते हैं तो कभी टूटने लगते हैं. कोटपूतली की प्रियंका यादव की सफलता इनके लिए एक मिशाल की तरह है. प्रिंयका के पिता निजी गाड़ी की ड्राइवरी करते हैं.
खुशी से पिता की आंखे छलक उठीं
मामूली से वेतन से अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ घर चलाते हैं. लेकिन चालक पिता को जब बिटिया की सफलता के बारे में पता चला तो पिता कि आंखे छलक उठीं. क्योंकि पिता को पता था बेटी ने कैसे और कितने संघर्ष के बाद ये सफलता हासिल की है. प्रिंयका ने कहा कि डॉक्टर बनकर असहाय लोगों की सेवा करूंगी.
2046 वीं रैंक हासिल की
शहर के सूरज सेठ की ढाणी निवासी बंटी यादव की पुत्री प्रियंका यादव ने ऑल इंडिया ओबीसी में 2046 वीं रैंक हासिल की है. इसी तरह कमल सैनी ने ऑल इंडिया ओबीसी में 3283 गोविंद मीणा ने ऑल इंडिया एसटी में 1162 वीं रैंक प्राप्त की. पूरे शहर में नेट क्वालीफाई छात्र-छात्राओं का माला व साफा पहनाकर सम्मान किया गया. साथ ही डीजे के साथ जुलूस निकाल कर खुशियां मनाई गई.
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