देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सपना होने वाला है साकार, महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार का कर रही हैं भरण पोषण
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सपना होने वाला है साकार, महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार का कर रही हैं भरण पोषण

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार होता हुआ दिखाई दे रहा है. युवा महिला उद्यमी द्वारा निर्मित वस्तुएं अब बाजार में ज्यादा बिकने लगी है.

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये सपना होने वाला है साकार, महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार का कर रही हैं भरण पोषण

Jaipur: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना 'आत्मनिर्भर भारत' 'लोकल फॉर वोकल' के साथ 'मेक इन इंडिया' साकार होता नजर आ रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना से जारी जंग के बाद प्रदेश के युवा महिला उद्यमी द्वारा निर्मित वस्तुएं अब बाजार में ज्यादा बिकने लगी है. जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर होकर परिवार का भरण पोषण कर रही हैं.

आत्मनिर्भर महिला को और अधिक सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा राष्ट्रीय अमृता हाट प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फार लोकल के आह्वान से प्रेरित होकर महिलाएं स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जोड़ कर खुद को रोजगार मुखी कर रही हैं. वह अपने उत्पाद राज्य और केंद्र सरकार द्वारा लगने वाले मेलों में बिक्री के लिए लेकर आते हैं.

महिलाओं ने बताया कुछ समय पहले तक वह घर में रहकर घुंघट की आड़ में अपना जीवन व्यतीत कर रही थी. लेकिन बदलाव के इस दौर में महिलाओं ने घर में रहकर कई तरह के साबुन कपड़े के थैले जूतियां महिलाओं के सौंदर्य प्रसाधन चूड़ी सहित अन्य घरेलू वस्तुएं बनाना शुरू किया. पहले वह अपना सामान गांव के आसपास ही बिक्री के लिए लेकर जाती थी लेकिन बदलते समय में वह अब राजधानी जयपुर में अपना हस्तनिर्मित घरेलू उत्पाद लेकर आती हैं और यहां बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं.

जिसके चलते वह आज सम्मान की जिंदगी जी रही हैं.इस राष्ट्रीय अमृता हाट में 140 से ज्यादा स्टाल्स पर महिलाओं को बेहतरीन कारीगरी के उत्पादों को बेचने का अवसर मिला है. जिसमें हैण्डीक्राफ्ट, कशीदाकारी, लाख की चूडियॉ, पेपरमेशी आईटम, सलवार सूट, टेराकोटा, आर्टिफिशियल ज्वैलरी, चिकन एवं जरी वर्क, कांच एवं पेच वर्क, सभी के पसंदीदा अचार, मुरब्बा, मसाले एवं अन्य हस्तनिर्मित आकर्षक उत्पाद उपलब्ध हैं.

इसी के साथ के केंद्र और राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान में कई बड़े फैसले ले रही हैं. प्रदेश में लगने वाले हस्तशिल्प मेलों में महिला सहायता समूह द्वारा उत्पादों की बिक्री के लिए उन्हें फ्री में स्टाल उपलब्ध करवाई जाती है. इसी के साथ ही उनके रहने खाने पीने और सामान को लाने ले जाने का खर्चा भी सरकार वहन करती है. जिससे उन पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता. वहीं प्रदेश की सक्षम महिलाएं भी ऐसे मिलो में ज्यादा सामान की खरीदारी करती हैं जिसके चलते उनके उत्पाद जल्द बिक जाएं और उन्हें उचित मुनाफा मिलें.

अपनी कला को निखारते हुए महिलाएं घर पर ही रचनात्मक वस्तुएं तैयार कर उसे बाजार में उतार रही हैं. बुलंद हौसलों को समेटे देश आत्मनिर्भरता से आत्मविश्वास की ओर कदम बढ़ा रहा है. यही वजह है की कई दूसरे घरों को भी आर्थिक रूप से मजबूत आधार मिल रहा है. 

Reporter-Anup Sharma

 

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