Good News: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, UG-PG समान विषय की अनिवार्यता से मिलेगी राहत
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Good News: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, UG-PG समान विषय की अनिवार्यता से मिलेगी राहत

Good News: व्याख्याता पदों पर पदोन्नति में शिक्षा विभाग की ओर से 3 अगस्त 2021 को एक संशोधन किया, जिसके तहत व्याख्याता पदों पर पदोन्नति होने वाले शिक्षकों के लिए यूजी और पीजी में समान विषय की अनिवार्यता रखी गई.

Good News: शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, UG-PG समान विषय की अनिवार्यता से मिलेगी राहत

Jaipur: व्याख्याता पदों पर पदोन्नति में शिक्षा विभाग की ओर से 3 अगस्त 2021 को एक संशोधन किया, जिसके तहत व्याख्याता पदों पर पदोन्नति होने वाले शिक्षकों के लिए यूजी और पीजी में समान विषय की अनिवार्यता रखी गई. करीब 50 साल बाद शिक्षा सेवा नियमों में हुए बदलाव के चलते शिक्षा विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया, लेकिन जैसे ही शिक्षा विभाग की ओर से इस आदेश को लागू किया प्रदेश में इसका विरोध देखने को मिला. 

करीब 1 साल तक विज्ञान और मैथ संकाय के शिक्षक जहां इसका विरोध करते हुए नजर आए तो वही कला वर्ग के भी करीब 10 हजार से ज्यादा शिक्षक इसका विरोध करते हुए नजर आए, लेकिन लगता है कि 1 साल बाद आखिर इन शिक्षकों के संघर्ष की जीत होती हुई नजर आ रही है. जोधपुर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में सरकार की ओर से रखे गए पक्ष के दौरान कहा गया कि 3 अगस्त 2021 को जो संशोधन किया गया था, उसको सरकार बदल रही है और जल्द ही इसके आदेश जारी होंगे, जिसके बाद प्रदेश के सभी 35 हजार से ज्यादा शिक्षकों में खुशी की लहर है. 

धरना दे रहे शिक्षकों की मांग थी कि 3 अगस्त 2021 से पहले जिन शिक्षकों ने अलग-अलग विषय से यूजी और पीजी की है, उनको इस नियम से छूट दी जाए. हालांकि शिक्षकों के एक धड़े ने इस नियम को खत्म करने की ही मांग की थी. 

गौरतलब है कि व्याख्याता पदों पर होने वाली पदोन्नति में 3 अगस्त 2021 से पहले समान विषय की अनिवार्यता नहीं थी, तो वहीं प्रदेश के करीब 90 फीसदी से ज्यादा विज्ञान और मैथ विषय के शिक्षकों ने यूजी और पीजी अलग-अलग विषय से कर रखी है. 

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पिछले 50 वर्षों से विषय की अनिवार्यता नहीं होने के चलते व्याख्याता पदों पर डीपीसी और पदोन्नति की प्रक्रिया होती थी, लेकिन 3 अगस्त 2021 के संशोधन के बाद करीब 35 हजार से ज्यादा शिक्षक पदोन्नति की प्रक्रिया से बाहर हो गए थे. पदोन्नति संघर्ष समिति द्वारा पिछले 1 साल से इसका विरोध किया जा रहा था, इसको लेकर राजधानी जयपुर में कई बार बड़े आंदोलन भी किए, तो शिक्षा संकुल पर करीब 15 दिनों का धरना भी देखने को मिला. हालांकि कला संकाय से जुड़ा हुआ वर्ग सरकार द्वारा लागू इस आदेश के पक्ष में नजर आया और संशोधित नियम को जल्द से जल्द लागू करने की मांग को लेकर यह भी धरना देते हुए नजर आए. 
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