पिता के नाम बेटी का एक ऐसा ख़त, जिसे पढ़कर किसी भी बाप की आंखों में आंसू आ जाएं
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पिता के नाम बेटी का एक ऐसा ख़त, जिसे पढ़कर किसी भी बाप की आंखों में आंसू आ जाएं

पापा...आज कुछ कहना चाहती हूं...जानती हूं कि आपके लिए कभी बड़ी नहीं हो पाउंगी पर आज इतनी बड़ी जरूर हो गई हूं कि वो बातें कह सकूं, जो कभी कह न सकी... आप सोंच रहे होंगे कि ऐसा भी क्या हुआ कि आज मैं बड़ी-बड़ी बातें कर रही हूं... तो बता दूं कि आज फादर्स डे है...

पिता और बेटी के प्यार का एक खत.

पापा...आज कुछ कहना चाहती हूं...जानती हूं कि आपके लिए कभी बड़ी नहीं हो पाउंगी पर आज इतनी बड़ी जरूर हो गई हूं कि वो बातें कह सकूं, जो कभी कह न सकी... आप सोंच रहे होंगे कि ऐसा भी क्या हुआ कि आज मैं बड़ी-बड़ी बातें कर रही हूं... तो बता दूं कि आज फादर्स डे है... इस दिन सारे बच्चे अपने पापा के लिए अच्छे-अच्छे तोहफे लाते हैं... उनके साथ बाहर जाते हैं, पर यह मौका मिला नहीं...मिलता भी कैसे..आप नारियल की तरह सख्त जो ठहरे... नहीं..नहीं...बुरा मत मानिए पापा... मैं बस आज हर वो बात कहना चाहती हूं, जो शायद मेरी तरह कई बेटियां कभी न सकीं...

तब बोल नहीं सकती थी मैं...पर महसूस जरूर कर सकती थी... पापा... मां शायद भूल भी जाएं पर मुझे पता है आपको मेरे जन्म का वो दिन बखूबी याद होगा जब आपने पहली बार मुझे गोद लिया था...इस दुनिया में आने के बाद मैंने अपनी आंखें नहीं खोली थी...जानती ही नहीं थी किसी को...मां के दर्द में रोने की आवाजें मेरे कानों में पड़ रही थीं...मैंने दुनिया में आते ही शायद उन्हें असहनीय दर्द दिया था पर फिर भी वो खुश थीं... मैं आखें तो खोलना चाहती थी पर खोल नहीं रही थी, सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं तो सबसे पहले उस शख्स को देखना चाहती थी, जिन्होंने मेरे मां के अंदर होने के बावजूद मेरा ध्यान रखा... वो शख्स जिनकी आवाज सुनते ही मैं मां के पेट के भीतर से भी बेचैन हो उठती थी कि कौन हैं वो, जो मुझे इतना प्यार करते हैं... 

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मेरे घर लक्ष्मी आई है
मुझ नवजात बच्ची के मन में ये सब बातें चल ही रहीं थीं कि तभी कमरे में एक प्यारी सी आवाज आई- मेरे घर लक्ष्मी आई है...मेरे घर लक्ष्मी आई है...सबको मिठाई खिलाओ... जश्न मनाओ... मैं समझ गई थी कि आप कोई और नहीं, मेरे ही पापा हैं...उस लम्हें में मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था...मेरी हलचल देखकर मां ने आपकी तरफ इशारा करते हुए कहा था कि आप अपनी परी को गोद नहीं लेंगे...

मुझे याद है कि आपने बड़ी ही नाजुकता के साथ मुझे गोद लेते हुए जैसे ही उठाया, आपकी आंखों से खुशी के मोती मेरे हाथों पर आ गिरे थे...मैं समझ चुकी थी कि आप ही मेरे भगवान हैं... मैंने मुस्कुराते हुए पहली बार अपनी आंखें खोली...सबसे पहले मैंने आपको देखा था पापा... आपकी गोद में मुझे अलग ही सुकून और सुरक्षा महसूस हो रही थी... 

लाडो को एक खरोंच नहीं आनी चाहिए
धीरे-धीरे मैं बड़ी होने लगी... मुझे याद है कि आप सबसे कहते थे कि मेरी लाडो को एक खरोंच नहीं आनी चाहिए...गोद खिलाते समय सबको डांटते थे कि कहीं कोई मुझे गलत तरीके से न उठा ले और मुझे चोट लग जाए...मैं बोले तो नहीं सकती थी पर मुझे भी हंसी आती थी कि कई बार आप मां को भी मेरा ज्यादा ख्याल रखने के लिए डांट देते थे...तो मां अक्सर ही आपसे कहा करती थी कि बेटी क्या आ गई, अपने मुझसे प्यार करना ही कम कर दिया...इसपर आप मुस्कुराकर उन्हें प्यार से सिर हिलाकर हां ही कह दिया करते थे...

मुझे याद है, जब स्कूल में एडमिशन के लिए मुझे भेजना था...हर कोई आपसे कहता था कि बेटी को आखिर पढ़ने कब भेजोगे? तो आप सबसे कहते थे कि थोड़ी और बड़ी हो जाए...मुझे हर दिन आप अपनी आंखों के सामने देखना पसंद करते थे... खैर वो दिन आ गया था, जब आपको अपने दिल पर पत्थर रखकर मुझे स्कूल भेजना था...मुझे क्लास के अंदर तक भेजने गए थे आप...जब दोपहर में मेरा स्कूल खत्म हुआ तो मैंने देखा कि आप तीखी धूप में स्कूल के ही बाहर खड़े थे...मतलब आप घर नहीं गए थे...पहला दिन मुझे कोई तकलीफ न हो, इसके लिए पूरे दिन आप तपती धूप में खड़े रहे थे...ओह पापा... आप मुझसे कितना प्यार करते थे...

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समाज के काले साये से बचाने के लिए लगाई बंदिशें
समय गुजरता गया...मैं बड़ी होती गई...इस दौरान ऐसा नहीं था कि आपने अपने लाड-प्यार से मुझे दुलारा ही...मेरी गल्तियों पर भी मुझे छोटी-मोटी डांट लगाई...मुझे याद है कि जैसे-जैसे मैं बड़ी हो रही थी, दुनिया समाज में लड़कियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखकर आपकी चिंताएं भी बढ़ रही थी...आप बुरे समाज के काले साये से मुझे बचाने के लिए मुझपर बंदिशें लगाने लगे थे...बाहर नहीं जाने देते थे...लड़के दोस्तों से दूर रहने की बात करते थे...वो मेरी किशोरावस्था थी तब...शायद यही वो वजह या समय रहा होगा, जहां से आपकी शख्त छवि मेरी आंखों और दिलो-दिमाग में बसने लगी थी... क्या करती पापा...दुनियादारी की समझ नहीं थी...नहीं पता था कि ये दुनिया कैसी है...नाराज रहने लगी थी आपसे...मुझे याद है कि जब 12वीं कक्षा पास करने के बाद ग्रेजुएशन का नंबर आया तो भी आपने जिद की थी कि बेटी गर्ल्स कॉलेज में ही जाएगी...मैं बहुत रोई थी कि बॉयज कॉलेज ही जाउंगी...पापा मेरी जिद के आगे आप वहां भी झुके थे...कितना ही मुझसे प्यार करते थे पापा...

मेरे लिए दादा जी से कर ली लड़ाई
अगर कभी रास्ते में फंस जाती या कोचिंग में मुझे जरा भी लेट हो जाता था तो आप परेशान हो जाते थे...मेरी सारी सहेलियों को फोन करने लगते थे...तब नहीं समझती थी कि पापा आप इतने परेशान क्यों रहते थे...पर आज समझती हूं... पता है पापा.... मुझे याद है कि ग्रेजुएशन के बाद जब दादा जी मेरी शादी की जिद पर आ गए थे तो आप उनसे भी अपनी बेटी के लिए लड़ गए थे...सिर्फ इसलिए पापा क्योंकि आपको आपकी बेटी के आंखों के सपने दिखते थे... आप मुझे दुनिया की हर खुशी देना चाहते थे...

खुद मेरे बैग में रखे थे 10 हजार रुपये
मुझे याद है कि जब मैंने अपने कॉलेज वाले दोस्तों के साथ गोवा ट्रिप पर जाने की परमिशन मांगी थी...आपने साफ मना कर दिया था... मां के आंचल में मैं फूट-फूट कर रोई और रोकर सो गई थी... उस दिन आप मेरे कमरे में आए थे... आपने मेरे सिर पर पहले हाथ फेरा और फिर खुद भी खूब रोए थे... सिर्फ इसलिए क्योंकि आपको मुपर थोड़ा गुस्सा आया था...इसके बाद आपने 10 हजार रुपये खुद ही मेरे बैग में रखे थे... आपको लग रहा था कि मैं सो गई थी... नहीं पापा...मैं तब जग रही थी... फिर दूसरे दिन मां से कहलवाया था कि जाने दो...बस ध्यान रखने को कहना...

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आपकी हैसियत के बरामबर नहीं मिला कोई तोहफा
पापा... कितने ही प्यारे हो... आप ऊपर से जितने सख्त दिखते हैं, अंदर से उतने ही ज्यादा नरम हैं... मुझपर कोई आंच आए, उससे पहले ही आप ढाल बनकर आ जाते हो...खुद भले ही फटी चप्पल भी पहन लो पर मुझे हमेशा नए सैंडल दिलवाते हो... पापा ... आप जादूगर हैं...मेरी हर विश को पूरा करते हैं... मैं जानती हूं कि आप कई बार अपनी इच्छाएं मारकर हमारी विशेश पूरी करते हो...कैसे पापा.. कैसे...इतना सबकुछ कर पाते हो...पापा आखिरी में बस इतना ही कहना चाहती हूं कि आप मेरे लिए भगवान हैं.... आपके बिना मैं कुछ नहीं हूं...मेरी तरह ही दुनिया की सारी बेटियां अपने पापा से बहुत प्यार करती हैं...मैं आपके लिए कोई तोहफा नहीं लाई क्योंकि जब दुकान पर गई तो किसी भी सामान की हैसियत आपके प्यार और केयर के आगे छोटी पड़ गई...पापा... आपकी बेटी आपसे बहुत प्यार करती है... हैप्पी फादर्स डे पापा... 

 

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