गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आज आपातकालीन बैठक, ये निर्णय लिया गया
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गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आज आपातकालीन बैठक, ये निर्णय लिया गया

सरकार की उदासीनता के चलते देवनारायण योजना में विद्यार्थियों को एडमिशन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आज आपातकालीन बैठक, ये निर्णय लिया गया

Jaipur: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की आज आपातकालीन बैठक राजधानी जयपुर में बुलाई गई. इस दौरान खातीपुरा स्थित स्वर्गीय डॉक्टर किरोड़ी सिंह बैंसला के आवास पर 33 जिलों के प्रतिनिधि पहुंचे. बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 12 सितंबर को पवित्र पुष्कर सरोवर में किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को विसर्जित किया जाएगा. इसी के साथ ही समिति ने सरकार को समय देते हुए कहा कि 12 सितंबर तक अगर संघर्ष समिति की मांगों को नहीं माना गया तो 12 तारीख के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

गुर्जर आंदोलन संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह बैंसला ने बताया कि रक्षाबंधन के बाद स्वर्गीय किरोड़ी बैंसला की अस्थि कलश प्रदेश के 33 जिलों में जाकर लोगों को गुर्जर समाज के हक के लिए जागरूक करेगा. 12 सितंबर को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के जन्मदिन पर पुष्कर में 20 लाख गुर्जर एकत्रित होकर कर्नल बैंसला को श्रद्धांजलि देंगे. राज्य सरकार द्वारा गुर्जर समाज के प्रति कुठाराघात और दोगलापन किया जा रहा है, जिसके चलते समाज में आक्रोश है.

इस बात को लेकर पुष्कर में आगे की रणनीति तय की जाएगी. विजय सिंह बैंसला ने कहा कि सरकार देवनारायण योजना का लाभ समाज को मिलना चाहिए वह नहीं दे रही है. विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति तक नहीं मिल रही है. इसी के साथ ही योजना के माध्यम से कॉपी पेन पेंसिल स्कूल ड्रेस किताब के लिए विद्यार्थियों को भटकना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने देवनारायण गुरुकुल और छात्रावास योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. जिसके चलते विद्यार्थियों को महंगे किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है.

सरकार की उदासीनता के चलते देवनारायण योजना में विद्यार्थियों को एडमिशन लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. विजय बैंसला ने कहा राजस्थान में 75 विधानसभा क्षेत्र गुर्जर बाहुल्य है सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए. 75 सीटों पर सीधा गुर्जरों का बहुत बड़ा दखल रहता है. सरकार ने अगर 12 सितंबर तक गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के मांग पत्र पर विचार नहीं करा तो एक बार फिर बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार की होगी. हालांकि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन के बाद 12 सितंबर को देखने की बात होगी कि विजय सिंह बैंसला अपने पिता की तरह गुर्जर समाज में कितने लोकप्रिय साबित होते हैं.

Reporter-Anup Sharma

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