Trending news: कुत्तें ने दी वफादारी की मिसाल, मालिक के मौत के बाद भी करता है इतंजार
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1945514

Trending news: कुत्तें ने दी वफादारी की मिसाल, मालिक के मौत के बाद भी करता है इतंजार

Trending news: कुत्तों की वफदारी की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है. अगर कोई डॉग अपने किसी को अपना मान ले तो अपना जीवन उसके सुरक्षा और वफादारी में बीता देता है.

Dog emotional story

Trending news: कुत्तों की वफदारी की मिसाल पूरी दुनिया में दी जाती है. अगर कोई डॉग अपने किसी को अपना मान ले तो अपना जीवन उसके सुरक्षा और वफादारी में बीता देता है. जपान के एक डॉग ने अपने मालिक के मौत के बाद उसकी क्रब पर 6 सालों तक बैठा रहा. और अपनी अंतिम सांस तक  कब्र के पास ही बैठा रहा. ऐसा ही एक मामला  भारत के केरल राज्य में देखा गया है.  

चार महीने पहले यहां आया था
केरल के कन्नूर जिला अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर एक कुत्ता बैठा रहता है. इस कुत्ते का नाम कोई नहीं जानता . लोगों का कहना है की कुत्ता लगभग चार महीने पहले यहां आया था. लेकिन इसको कोई नहीं जानता है. लेकिन अब लोगों का प्यारा बन गया है. 
दरसल यह कुत्ता महिनों पहले एक मरीज के साथ अस्पताल आया था, मरीज की अस्पताल में मौत हो गई थी.अस्पताल के परिचारक राजेश कुमार  ने चार महीने पहले मुर्दाघर की ओर जाने वाले रैंप पर पड़े पालतू कुत्ते को देखा था.उन्होंने  पहले दिन कुत्ते पर कोई ध्यान नहीं दिया.लेकिन  यह अगले दिनों में भी वहीं रहता पाया गया .जब सबसे पूछा गया तो पता चला वह उसी मरीज के साथ अस्पताल आया था. लकिंन मरीज की पहचान करने में असमर्थ थे.

इसे भी पढ़ें: फैक्ट्री में लगी भीषण आग, दमकल विभाग की लापरवाही से लाखों का नुकसान

खाने के लिए मिल जाता है खाना 
राजेश ने बताया कि कुत्ते ने शुरुआती दिनों में खाना देने पर  इनकार कर दिया था, लेकिन कुछ समय बाद लोगों के दिए गए बिस्कुट और अन्य भोजन को स्वीकार करना शुरू कर दिया.वह 24 घण्टें पोस्टमॉर्टम हाउस के गेट पर ही रहता है. वह न तो खाने की तलाश में कहीं जाता न ही दूसरे कुत्तों के झुंड में रहता है.

 रोज पास के फिजियोथेरेपी में जाता है
कुत्ता रोज पास के फिजियोथेरेपी में जाता है, लेकिन रात में मुर्दाघर में वापस आ जाता है.कुत्ता आवारा कुत्तों के साथ नहीं मिलता है. यह सिर्फ लोगों के हाथों से दिए गए बिस्किट और ब्रेड ही खाता है. वह अंडा,मछली खाता है लेकिन उसे चावल पसंद नहीं है.
डॉ. माया गोपालकृष्णन कुत्ते के खाने की व्यवस्था कराई है.कन्नूर की एक महिला ने कुत्ते को गोद लेने के लिए अस्पताल से संपर्क किया है

इसे भी पढ़ें: मुहूर्त के वजह से BJP नेता ने लगाई दौड़, बीच रैली छोड़ किया नामांकन

 

 

Trending news