सूर्यग्रहण के दिन भूल कर भी ना करें या काम, जानिए राजस्थान में कहां दिखाई देगा ग्रहण
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सूर्यग्रहण के दिन भूल कर भी ना करें या काम, जानिए राजस्थान में कहां दिखाई देगा ग्रहण

solar eclipse 2022: 27 साल बाद दीवाली के दूसरे दिन यानि गोवर्धन पूजा पर साल का अंतिम खंडग्रास सूर्य ग्रहण जयपुर में शाम 4.32 बजे से 5.50 बजे तक रहेगा. इसका सूतक 12 घंटे पहले यानि मंगलवार तड़के 4.15बजे से शुरू हो जाएगा. यानि 52 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा. 

सूर्यग्रहण के दिन भूल कर भी ना करें या काम, जानिए राजस्थान में कहां दिखाई देगा ग्रहण

solar eclipse 2022: दीपोत्सव पर्व के दौरान 27 साल में फिर से दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण का साया पर्व पर रहेगा. इसके चलते लक्ष्मी जी का पाटा भी सुबह 4:15 सूतक लगने से पहले पहले उठाना होगा. 27 साल में अगले दिन सूर्यग्रहण रहने से अन्नकूट गोवर्धन पूजा सूतक लगने से बुधवार को होगी. सूतक में भोजन न बनाए, घर से बाहर न निकलें. इसके साथ ही बुजुर्ग और बीमार रोगियों को छूट रहेगी. भगवान की मूर्ति आदि को स्पर्श नहीं करें. खास तोर पर अमावस्या के निमित्त दान धर्म और सूखा सामान दिया जा सकता है. इसके साथ ही कीर्तन करें.

27 साल बाद दीवाली के दूसरे दिन यानि गोवर्धन पूजा पर साल का अंतिम खंडग्रास सूर्य ग्रहण जयपुर में शाम 4.32 बजे से 5.50 बजे तक रहेगा. इसका सूतक 12 घंटे पहले यानि मंगलवार तड़के 4.15बजे से शुरू हो जाएगा. यानि 52 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने से शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा. सबसे पहले जम्मूकश्मीर में शाम 4.15 बजे ग्रहण दिखेगा. सूर्य ग्रहण देखने के लिए एक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करें. इस दौरान चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीचों बीच आ जाएगा.

जिससे चन्द्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ेगी और कुछ देर के लिए सूर्य का प्रकाश कम दिखाई देगा. भारत के अधिकांश हिस्सों में ग्रहण के साथ ही सूर्य अस्त हो जाएगा. यूरोप, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अफ्रीका के कुछ देशों उत्तरी हिन्द महासागर, पश्चिमी एशिया आदि में अधिक समय तक रहेगा. प्रदेश में श्रीगंगानगर में सबसे अधिक 58 फीसदी और बासंवाड़ा में सबसे कम 45 फीसदी सहित कोटा में 48 फीसदी ग्रहण दिखाई देगा.

खंडग्रास सूर्यग्रहण के चलते जयपुर में शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर की झांकियों के समय में परिवर्तन किया गया है. सूर्य ग्रहण के दिन गोविंद देवजी मंदिर में शाम को दर्शन खुले रहेंगे. शाम 5 बजे वाली ग्वाल झांकी नहीं होगी. संध्या झांकी 5.45 से 6.45 के बजाय 7.30 से 8.15 तक और शयन झांकी रात 8 से 8.15 के बजाय 8.45 से रात 9 बजे तक होगी. ग्रहण काल के दौरान मंदिर के पट खुले रहेंगे एवं हरिनाम संकीर्तन होगा. इसके साथ ही अक्षरधाम मंदिर दोपहर 12 से छह बजे तक बंद रहेगा. वहीं खोले के हनुमान जी मंदिर में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश सुबह से बंद रहेगा.

अन्य मंदिरों मे भी शाम तक सूर्यग्रहण और सूतक का असर रहने से समय में बदलाव किया गया है. दिवाली पर्व के एक दिन बाद मंगलवार के बजाय बुधवार को अन्नकूट-गोवर्धन पूजा के अवसर पर भगवान को गर्म तासीर के व्यंजनों के साथ ही एक से बढ़कर एक व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. गोविंद देव जी मंदिर में अन्नकूट उत्सव 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दोपहर 12 से 12.30 बजे तक अन्नकूट झांकी के दर्शन होंगे. गोविंद देव जी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने बताया कि इस दिन सुबह राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. शेष अन्य झांकियों का समय यथावत रहेगा.

दोपहर 12. 15 बजे मंदिर के पश्चिम द्वार पर गोवर्धन पूजा एवं गाय के बछड़े का पूजन किया जाएगा. ठाकुर जी को सुनहरी जामा पोशाक धारण कराई जाएगी तथा विशेष अलंकार से श्रृंगार किया जाएगा. इसके साथ ही अक्षरधाम मंदिर समेत अन्य मंदिरों में गोवर्धन पर्वत की तर्ज पर झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेगी. अक्षरधाम मंदिर में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा. इस दौरान ठाकुरजी को 1111 से अधिक प्रकार के सात्विक व्यंजनों जिसमें राजस्थानी, गुजराती दक्षिण भारतीय, उत्तर भारतीय एवं अन्य क्षेत्रीय व्यंजन शामिल हैं..सभी व्यंजनों का ठाकुरजी को लगाया जाएगा. अन्नकूट दर्शन का समय दोपहर एक बजे से लेकर रात आठ बजे तक रहेगा. अंत में प्रसादी होगी. आमतौर पर गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को गर्म तासीर के व्यंजन बाजरा, चावल, मूंग और मोठ सहित कच्चे भोजन का भोग लगाया जाता है. इस बार यह परम्परा टूटेगी.

बहरहाल, मंगलवार को ग्रहण होने से अग्निकाण्ड, भय की घटनाएं बढ़ने की प्रबल संभावना को दर्शा रहा है. राजनेताओं में परस्पर विरोध व तालमेल का अभाव होने से विकास की गति मन्द होगी. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक सूर्य ग्रहण स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर हो रहा है. ऐसे में यह ग्रहण तुला राशि के साथ कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वाले जातकों के लिए शुभ नहीं है.

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