Jaipur News : प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा ने कहा कि विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 के माध्यम से राजस्थान के विकास को गति देने के लिए सहकारजन की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए 28 अगस्त 2023 से 9 सितम्बर, 2023 तक संभाग एवं जिला स्तर पर हितधारक परामर्श सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
Trending Photos
Jaipur : प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा ने कहा कि विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 के माध्यम से राजस्थान के विकास को गति देने के लिए सहकारजन की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए 28 अगस्त 2023 से 9 सितम्बर, 2023 तक संभाग एवं जिला स्तर पर हितधारक परामर्श सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
गुहा सहकार भवन में विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 के संबंध में विभागीय अधिकारीयों, शीर्ष संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि सहकारिता के कार्यों में विविधता लाना आवश्यक है ताकि वर्तमान चुनौतियों के अनुरूप सहकारी संस्थाएं अपने कार्यों को अंजाम दे सके.
लिए जाएंगे सुझाव
उन्होंने कहा कि संभाग, जिला स्तर पर हितधारक सम्मेलन के माध्यम से सहकारजन से राजस्थान में 2030 में सहकारिता के विकास एवं चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए सुझाव लिए जाएंगे. सहकारिता के प्रत्येक आयाम को विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सहकारिता का दायरा बहुत बडा है इसकी अपनी विश्वसनीयता है एवं लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में योगदान है. ऐसे में अधिकारी मेहनत के साथ विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 बनाने में व्यापक दृष्टिकोण रखें.
दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की प्रमुख भूमिका
रजिस्ट्रार सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि राजस्थान में हरित क्रांति और श्वेत क्रांति में सहकारी संस्थाओं यथा सीसीबी, पीएलडीबी, पैक्स, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ एवं प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की प्रमुख भूमिका रही है. सहकारी संस्थानों का लोकतांत्रिक मूल्यों एवं सहकारी सिद्धान्तों के अनुरूप संचालन होना आवश्यक है. विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 में इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा. रतनू ने कहा कि विजन डॉक्यूमेन्ट, 2030 बनाते समय सहकारी समितियों के माध्यम से आमजन, किसानों, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछडे वर्गों के उत्थान के लिए सुझावों को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि हितधारक परामर्श सम्मेलन के दौरान सहकारिता की योजनाओं एवं उपलब्धियों पर वीडियो का प्रसारण भी किया जाए.
ये भी पढ़ें...
राजस्थान के इस गांव में आज भी पत्थर के बर्तनों क्यों खाना खाते हैं लोग...?