MFJCFJaipur: एमएफ-जेसीएफ ने इस दिशा में पहली बार कदम बढ़ाते हुए भारत में अंग और नेत्रदान के लिए अपना एक ध्वज समर्पित किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज अंगदान ध्वज का अनावरण किया.
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MFJCFJaipur News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज अंगदान ध्वज का अनावरण किया. मोहन फाउंडेशन (Mohan Foundation) जयपुर सिटीजन फोरम (एमएफ-जेसीएफ) द्वारा डिजाइन किए गए अंगदान ध्वज का अनावरण किया. इस ध्वज को समस्त अंगदाताओं और इस क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को समर्पित किया. एमएफ-जेसीएफ के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा (Rajiv arora) ने बताया अमेरिका और पश्चिमी देशों में कई अंगदान NGO’s का अपना एक ध्वज है, लेकिन भारत में ऐसा आधिकारित ध्वज अब तक नहीं था.
एमएफ-जेसीएफ ने इस दिशा में पहली बार कदम बढ़ाते हुए भारत में अंग और नेत्रदान के लिए अपना एक ध्वज समर्पित किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज अंगदान ध्वज का अनावरण किया. एमएफ-जेसीएफ के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता राजीव अरोड़ा ने बताया कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख लोगों को अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है. लेकिन प्रत्यारोपण की संख्या और अंग उपलब्ध होने की संख्या के बीच एक बड़ा अंतराल है.
भारत में प्रति दस लाख की आबादी पर केवल 0.16 लोग अंगदान करते हैं, जबकि प्रति दस लाख की आबादी पर स्पेन में 36 लोग, क्रोएशिया में 35 और अमेरिका में 27 लोग अंगदान करते हैं. अरोड़ा ने कहा कि भारत में तकनीकी और कुशलता में अंग प्रत्यारोपण करने की सुविधा अच्छी है, लेकिन यहां अंगदान को लेकर जागरूकता की कमी है. मोहन फाउंडेशन जयपुर सिटीजन फोरम देशभर में अंगदान के लिए जन चेतना के प्रसार के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है.
यह ध्वज एमएफ-जेसीएफ द्वारा प्रदेश के दो स्थानों अंगदाता स्मारक और नेत्रदान दाता प्राचीर जयपुर में फहराया जाएगा. आने वाले समय में जब भी राजस्थान में कोई अंगदान होगा, तब अंगदाता के सम्मान में एमएफ-जेसीएफ अंगदाता की देह को ध्वज में रैप करके परिवार को सौंपने का काम करेगा. दाह संस्कार से पहले देह से ध्वज उतारा जाएगा और वह ध्वज उनके घर में फहराया जाएगा.
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अंगदान के लिए जागरूकता प्रसार हेतु एमएफ-जेसीएफ राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण करने वाले सभी अस्पतालों में यह ध्वज फहराए जाने की अपील की. इस अवसर पर एमएफ-जेसीएफ के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा, संयोजक भावना जगवानी, निदेशक गोविन्द गुरबानी, रेनू सिंह, डॉ संजना भोजवानी, ठाकुरदास एवं तारु सक्सेना मौजूद रहे.