पिंकसिटी में दो दिन हुई बारिश के साइड इफेक्ट से अंजान शहर की सरकार
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पिंकसिटी में दो दिन हुई बारिश के साइड इफेक्ट से अंजान शहर की सरकार

अगर टैक्स चुकाने वाला आम आदमी पूरी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकें, तो वह सुगम जीवन कैसे जी सकता है.कहीं टूटी सड़कें, कहीं बिजली-पानी नहीं, कहीं गंदगी, कहीं अनियमितता, कहीं अतिक्रमण तो कहीं अन्य समस्याएं लोगों के लिए परेशानियों का कारण बनी हुई हैं. शहर की सरकार ही जब इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देगी तो आमजन कैसे सुगम जीवन जी सकता है.

गड्‌ढे में धंसी कार

Jaipur: पिंकसिटी में मानसून की पहली बारिश ने 'स्मार्ट सिटी' की तस्वीर बदल दी है. तपती गर्मी के बाद जयपुरवासियों को बारिश ने राहत दी है. झमाझम बरसात ने पिंकसिटी का मौसम सुहाना बना दिया है,लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी स्मार्ट सिटी में देखने को मिल रहें हैं. बारिश के कारण सड़कों पर जगह-जगह जलजमाव होने लगा है, सीवरेज की लाइन टूट गई है जिसका गंदा पानी प्रेशर से सडकों पर आ रहा है,सफाई नहीं होने से नाले ओवरफ्लो हो चुके हैं. 

बारिश से कॉलोनियां जलमग्न तो सड़कें तार-तार 

बारिश से शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्‌ढे हो गए हैं और इन गड्‌ढों से वाहनों का निकलना दुश्वार हो गया है. सीवरेज लाइन डालने के बाद तय मानकों के अनुसार उनके गड्डे नहीं भरना लोगों की जान पर भारी पड़ रहा हैं. जगह-जगह ड्रेनेज सिस्टम खराब होने से कॉलोनियां जलमग्न हैं, लोग घरों में कैद हैं, वाहन पानी में फंसे हैं और शहरी सरकार के मुखिया और जिम्मेदार प्रशासन बेफ्रिक है. भले ही दोनों नगर निगमों की मुखिया अपने-अपने क्षेत्र में फील्ड विजिट कर रही हो. नगर निगम आपके द्वार कायक्रम के तहत सुनवाई कर रही हो, लेकिन हालात किसी ने छिपे नही हैं. शहरी सरकार की मुखिया और अफसरों की गाडियां भी उन्हीं गड्‌ढों से गुजरने को मजबूर है. ये अलग बात हैं एसी गाडी में सफर करने वालों को टूटी सडकें और बहते सीवरेज के पानी की तस्वीर नहीं दिखती.

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हर बार नालों की साफ-सफाई का मसला उठता है

हर वर्ष मानसून आने का जयपुरवासियों को बेसब्री से इंतजार रहता है, पानी निकासी को लेकर तमाम प्रयास करने की हुंकार भरी जाती है, लेकिन हर बार एक ही तरह की लापरवाही सड़कों पर जलभराव के रूप में गवाही देती है कि हमारा सिस्टम नहीं सुधरेगा. राजधानी जयपुर के ड्रेनेज सिस्टम को तो नजीर बनना चाहिए.लेकिन तस्वीर उलट हैं मानसून से पूर्व नालों की साफ-सफाई का मसला हमेशा उठता है,लेकिन अफसोस की बात यह है कि यहां नालों की सफाई की तकनीक पर केवल उस समय बात होती है जब जलभराव हो जाता है. पानी भर जाने से बीच सड़क पर वाहन खराब हो जाते हैं, शहर में यातायात जाम हो जाता है और लोग परेशान होते हैं. जयपुरवासियों का कहना है की राजधानी के विकास का जिम्मा संभालने वाले नगर निगम प्रशासन की कार्य करने की शैली पूरी तरह से बिगड़ी हुई हैं. तेज बारिश के साथ ही कुछ देर में शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है, इससे दोपहिया वाहन चालकों के साथ-साथ चौपहिया वाहनों की लंबी कतारें और जाम की स्थिति बन जाती है.

अगर टैक्स चुकाने वाला आम आदमी पूरी सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकें, तो वह सुगम जीवन कैसे जी सकता है.कहीं टूटी सड़कें, कहीं बिजली-पानी नहीं, कहीं गंदगी, कहीं अनियमितता, कहीं अतिक्रमण तो कहीं अन्य समस्याएं लोगों के लिए परेशानियों का कारण बनी हुई हैं. शहर की सरकार ही जब इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देगी तो आमजन कैसे सुगम जीवन जी सकता है.

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