Union Budget 2023: मोदी सरकार के बजट से राजस्थान के किसानों, व्यापारियों को ये उम्मीदें, पढ़ें
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Union Budget 2023: मोदी सरकार के बजट से राजस्थान के किसानों, व्यापारियों को ये उम्मीदें, पढ़ें

 Union Budget 2023: केंद्र सरकार का बजट एक फरवरी को आने वाला है. केंद्र सरकार के इस बजट को लेकर देश के बड़े उधोग और छोटे उद्योग, ग्रहणी सहित देश की अहम कड़ी किसान को काफी उम्मीद है. किसान इस बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे है.

Union Budget 2023: मोदी सरकार के बजट से राजस्थान के किसानों, व्यापारियों को ये उम्मीदें, पढ़ें

 Union Budget 2023: केंद्र की मोदी सरकार का बजट 2023 कल यानि 1 फरवरी को आने वाला है. इस बजट को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. केंद्र सरकार के इस बजट को लेकर देश के बड़े उधोग और छोटे उद्योग, ग्रहणी सहित देश की अहम कड़ी किसान को काफी उम्मीद है. किसान इस बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठा है. किसानों को इस बजट से क्या उम्मीद है इसको लेकर जी मीडिया संवाददाता देवेंद्र शर्मा ने किसानों से बातचीत की तो किसानों ने बताया हमें इस बजट से काफी उम्मीद है.किसानों ने कहा कि हमें समय पर यूरिया खाद मिलनी चाहिए इस कुछ इस बजट में हो तो वही हमारे खेती के उपकरणों पर जीएसटी में सरकार राहत दे और फसल खराब होने पर समय पर किसानों को उसका मुआवजा मिले और कर्ज माफी को लेकर भी हम कई उम्मीदें लगाए बैठे हुए हैं. राजस्थान को लोगों में खासकर किसानों, व्यापारियों, महिलाओं को काफी उम्मीदें है. 

  • कृषि संबंधि व्यापार को कर मुक्त करने की मांग रखी
  • बैंकों के लेनदेन के चार्ज को खत्म कर राहत दे
  • बजट में कारपोरेट टैक्स कम हो,टैक्स में समानता हो
  • रेपो दर कर देशभर में महंगाई से राहत दे
  • व्यापारियों के लिए कल्याकारी कोष बनाने की मांग की

क्या है किसानों का कहना

केंद्र सरकार का बजट एक फरवरी को आने वाला है. केंद्रीय बजट को लेकर व्यापारियों में कितनी अपेक्षाएं है. व्यापारी इस बजट में कृषि संबंधि व्यापार को कर मुक्त करने, बजट में कारपोरेट टैक्स कम करने और टैक्स में समानता लाने की अवश्यकता बताई. साथ ही बैंकों में लेनदेन पर लगने वाले चार्ज को खत्म करने और रेपो दर कम करने की मांग की रखी है. वहीं व्यापारियों ने केंद्र सरकार से इस बजट में व्यापार कल्याणकोष बनाने की भी मांग की, क्योंकि राजस्थान में दिसंबर महीने में चुनाव होने के कारण बजट बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. आपको बता दें कि बजट, सरकार और अर्थव्यवस्था के लिए कृषि क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण है. इसका कारण यह है कि खेती-किसानी से देश-दुनिया के लोगों का न केवल पेट भरता है, बल्कि यह रोजगार प्रदान करने का सबसे बड़ा संसाधन भी है. कृषि क्षेत्र के साथ किसानों के अलावा कामगार, वैज्ञानिक और कारोबारी-उद्यमी भी जुड़े हैं. इसलिए, इसका दायरा बड़ा है. 

क्या कहना है व्यापरियों का 

एक फरवरी को पेश हो रहे केंद्रीय बजट से लोगों को बहुत अपेक्षा है. खासकर व्यापारी इस बजट से काफी उम्मीद लगाए बैठे हैं. व्यापारी ऑनलाईन कंपनियों पर प्रभावी नियंत्रण, इनकम टैक्स में छूट से लेकर जीएसटी में सुधार को लेकर सरकार से बड़ी उम्मीदें है. व्यापारी वर्ग इस बजट में सुधार को लेकर आस लगाए बैठे हैं.

छोटे व्यापारी का मानना है कि बड़े उद्योगपतियों पर अधिक कर लगाया जाए. सरकार छोटे व्यापारियों को करों राहत प्रदान करे. खासकर जीएटी को लेकर छोटे व्यापारी खासे नाराज और परेशान है. उनका कहना है कि कीमतें बढ़ने से ग्राहक बाजार से हट रहे हैं और सारा बोझ दुकान का किराया से लेकर तमाम चीजों का बोझ छोटे व्यापरियों पर पड़ रहा है. आगे उन्होंने कहा कि ई कामर्स कंपनियों की छूट वाली स्कीमों ने सोने पर सुहागा का काम किया है. खुदरा व्यापारी तंगहाल हैं. सरकार इस दिशा में प्रभावी प्रयास कर नियंत्रित करे. राजस्थान के व्यापारियों ने कहा कि सरकार नए बजट में टैक्सेशन में सरलीकरण करे. इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाकर सात लाख से अधिक करे. पांच लाख तक कोई टैक्स न लिया जाए. जीएसटी के स्लैब की संख्या घटाई जाए. इससे व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी. साथ ही जीएसटी में आवश्यक विसंगतियों को दूर करने की कोशिश होनी चाहिए. 

महिलाओं को है वित्त मंत्री से उम्मीदें

देश की महिलाओं को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से काफी उम्मीदें है. महिलाओं का कहना है कि वे भी एक महिला हैं और वो महिलाओं को मजबूरी और परेशानी भलीभांति समझ सकती है. महिलाओं का मानना है कि पुराने बजट की तुलना में इस वर्ष का बजट बेहतर होगा. एक फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर महिलाओं ने कहा कि यदि सरकार महिलाओं की समस्या को कम करना चाहती है तो सरकार को किचन के बजट पर विशेष ध्यान देना होगा.

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महिलाओं ने कहा कि एक फरवरी को पेश किये जाने वाले बजट में किचन के सामान के दाम को कम करने पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. वहीं कई महिलाओं ने कहा कि जिस तरह से देश में महंगाई बढ़ती जा रही है, ऐसे में आम लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार को बजट पेश करने के दौरान ये जरूर सोचना चाहिए कि देश में ज्यादा संख्या मध्यम वर्ग के लोगों की है, ना कि पैसे वालों की.

कोटा में रोजगार के नाम एजुकेशन संस्था है. ऐसे में उद्योग जगत की उम्मीदें भी बजट से खांसी होती है. आखिर कोटा एक एजुकेशन हब है. यहां देशभर से लाखों बच्चे मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग करने के लिए आते हैं. ऐसे में यहां के लोगों को एजुकेशन को लेकर सरकार से बड़ी उम्मीदें है.

 

 

 

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