धौलपुर में रबी की फसल खरीदने के लिए सरकारी खरीद केन्द्र पर छाया सन्नाटा, दामों में कमी से किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी
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धौलपुर में रबी की फसल खरीदने के लिए सरकारी खरीद केन्द्र पर छाया सन्नाटा, दामों में कमी से किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी

Dholpur News: सरकारी खरीद केन्द्रों की ओर किसानों का रुझान नहीं होने से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. किसानों के रुचि नहीं लेने के पीछे मुख्य वजह सरकारी खरीद के दामों का मंडी भाव से कम होना है. 

धौलपुर में रबी की फसल खरीदने के लिए सरकारी खरीद केन्द्र पर छाया सन्नाटा, दामों में कमी से किसान नहीं ले रहे दिलचस्पी

Dholpur News: सरकारी खरीद केन्द्रों की ओर किसानों का रुझान नहीं होने से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. धौलपुर में बनाए केन्द्र पर सरकारी खरीद के लिए मात्र चार किसानों ने ही पंजीकरण कराया है. किसानों के रुचि नहीं लेने के पीछे मुख्य वजह सरकारी खरीद के दामों का मंडी भाव से कम होना है. वहीं, केन्द्र पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कागजों की खानापूर्ति और राशि बाद में मिलने के कारण भी किसान कतरा रहे हैं. सरकारी खरीद के लिए 20 मार्च से पंजीकरण शुरू हो गया था लेकिन, बाजार भाव की अपेक्षा कम दाम मिलने से किसान यहां दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

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रबी की फसल खरीदने के लिए क्रय विक्रय सहकारी समिति ने केन्द्र खोल रखा है. जिसमें इस साल सरकार ने सरसों की फसल का समर्थन मूल्य 5450 रुपए प्रति क्विंटल रखा है. वहीं, चना फसल के लिए 5335 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य रखा गया है. जबकि मंडी में भाव 5500 के आसपास चल रहा था.

किसानों की  दिलचस्पी नहीं होने से क्रय केन्द्र पड़ा सूना
मंडी में सरकारी क्रय विक्रय केन्द्र प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि केन्द्र प्रतिदिन खुल रहा है लेकिन किसान नहीं पहुंच रहे है. वहीं सरकारी खरीद केन्द्र मंडी में काफी अंदर की तरफ खोला गया है. जिससे किसानों को उसकी जानकारी ही नहीं हो पाती है. उससे पहले ही आढ़तिया (व्यापारी) ट्रेक्टरों को रोककर फसल खरीद का सौदा कर लेते हैं. केन्द्र प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि अभी तक 4 किसानों ने ही रजिस्ट्रेशन कराए हैं.

जीएसएस पर हुआ विरोध
हमारे यहां अभी तक 3 रजिस्ट्रेशन हुए हैं और एक रजिस्ट्रेशन हमारे विरोध जीएसएस पर हुआ है और तीन रजिस्ट्रेशन हमारे क्रय विक्रय केंद्र पर हुए हैं इसके अलावा कोई रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है चना का एक भी रजिस्ट्रेशन नही हुआ है सरसों के कुल 4 रजिस्ट्रेशन हुए हैं अभी तक कोई खरीद नहीं हुई है.

हमारे द्वारा सरसों और चना की खरीद की जा रही है जिसका केंद्र कृषि मंडी में बनाया हुआ है इसके लिए हमने सरसों समर्थन का मूल्य 5450 रुपए रखा है किसानों से अधिक से अधिक सरसों केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी खरीद केंद्र पर बेचें.

मंडी में प्रतिदिन कई क्विंटल सरसों की खरीद
कृषि उपज मंडी में करीब 80 आढ़तियों को दुकानें हैं. मंडी में कई क्विंटल सरसों की खरीद हो रही है. आढ़ती फसलों को खरीदकर नगद भुगतान करते हैं. इसलिए किसान आढ़तियों को ही बेच रहे हैं. और सरकारी खरीद केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं

वही केंद्र प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि किसानों का सरकारी खरीद केंद्र पर सरसों नही बेचने का कारण गिरदावरी और p35 बनवाना है यह दोनों चीजें पटवारी से बनानी पड़ती है जिससे बनावने के बजाय व कागजी खानापूर्ति से बचते हुए प्राइवेट व्यापारियों को ही नकद बेच देते है.

अगर पटवारी से p35 और गिरदावरी मिल जाती है तो रजिस्ट्रेशन कराने में कोई दिक्कत नहीं होती है किसानों का सोचना है कि कहीं उनका पैसा केसीसी में ना कट गए लेकिन हम किसान भाइयों को बताना चाहेंगे कि नहीं कटेगा जो भी पैसा है 7 दिन के अंदर में किसान के अकाउंट में आ जाएगा बैंक का आईएफएससी कोड एवं खाता नंबर सही रजिस्ट्रेशन कराएं जिससे आपको कोई दिक्कत ना हो हम किसानों को विश्वास दिलाते हैं कि उनका पैसा 7 दिन में उनके अकाउंट में पहुंच जाएगा अगर किसानों की कोई कागजी कार्यवाही में दिक्कत है तो वह ऑफिस में आकर मिल सकते हैं उनकी हम पूरी मदद करेंगे.

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