Supreme Court on Pawan Khera: इस मामले पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सुनवाई की. पवन खेड़ा की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनको गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. खेड़ा के खिलाफ असम, बनारस और लखनऊ में मामले दर्ज हैं. इन सभी मामलों को एक साथ जोड़ा जाए.
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Pawan Khera on PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को अंतरिम ज़मानत दे दी है. कोर्ट ने कहा है, जिस अदालत में पवन खेड़ा को ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जा रहा है, वही कोर्ट उन्हें अंतरिम जमानत दे दे. कोर्ट ने इसके अलावा पवन खेड़ा के खिलाफ दायर विभिन्न एफआईआर एक साथ जोड़े जाने की मांग पर असम और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.
राजनीतिक बयान पर गिरफ्तारी गलत -सिंघवी
पवन खेड़ा की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए. उन्होंने पवन खेड़ा के खिलाफ असम, लखनऊ , वाराणसी में दर्ज एफआईआर की जानकारी दी और बताया कि फ्लाइट से दिल्ली से रायपुर जा रहे पवन खेड़ा को एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया है.
सिंघवी ने कहा कि वो खुद पवन खेड़ा के बयान के पक्ष में नहीं हैं. ऐसा बयान नहीं दिया जाना चाहिए था. पवन खेडा ने खुद अपने बयान के लिए माफी भी मांग ली है. लेकिन डिबेट के दौरान दिए गए राजनीतिक बयान के लिए उनके खिलाफ जिस तरह 153 A, 153 B,505 B 295A के तहत FIR दर्ज हुई है, वो गलत है. डिबेट के दौरान दिए गए राजनीतिक बयान के लिए हेट स्पीच और धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करना सही नहीं है. अलग अलग राज्यों में FIR दर्ज कर उन्हें परेशान करने की कोशिश हो रही है
ASG ने राहत दिए जाने का विरोध किया
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पवन खेड़ा को कोई भी राहत देने का विरोध किया. उन्होंने कोर्ट के अंदर पवन खेड़ा का बयान चलाकर कोर्ट को सुनवाया. भाटी ने कहा कि पवन खेड़ा से कोई भूल नहीं हुई है, जैसा सिंघवी दावा कर रहे हैं.
उन्होंने जानबूझकर ऐसा सोचा समझा बयान दिया है, जो न केवल प्रधानमंत्री का अपमान करता है बल्कि समाज में असंतोष को फैलाने वाला है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम के लिए ऐसी भाषा आपत्तिजनक है.
ऐश्वर्या भाटी ने ये भी कहा कि पवन खेड़ा को वैसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है और उन्हें ट्रांजिट रिमांड के लिए निचली अदालत में पेश किया जाना है लिहाजा सुप्रीम कोर्ट का दखल का औचित्य नहीं बनता. ट्रांजिट रिमांड पर जाने के बाद खेड़ा कानूनी राहत के दूसरे विकल्प आजमा सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
बहरहाल बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस ने कहा कि जहां तक एफआईआर खारिज करने की मांग का सवाल है, हम इसमें कोई दखल नहीं दे रहे हैं. उसके लिए खेड़ा संबंधित हाई कोर्ट जा सकते हैं. लेकिन एक ही मामले में दर्ज विभिन्न एफआईआर को एक साथ जोड़े जाने की मांग पर हम यूपी और असम सरकार को नोटिस जारी कर रहे हैं.
खेड़ा नियमित जमानत के लिए संबंधित कोर्ट का रुख कर सकें, इसके लिए हम अंतरिम जमानत देने का आदेश दे रहे हैं. जिस अदालत में पवन खेड़ा को ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जा रहा है, वही कोर्ट उन्हें अंतरिम जमानत दे दे. सोमवार को अगली सुनवाई होगी. बेंच ने उठते वक्त खेड़ा के वकील सिंघवी से कहा कि हमने आपको राहत दी है, पर बयानबाजी में संयम रखा जाना चाहिए.
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