'ना गाय की हत्या हो, ना इंसान की लिंचिंग', लोगों को पीट-पीटकर मार डालने के विरोध में RSS
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'ना गाय की हत्या हो, ना इंसान की लिंचिंग', लोगों को पीट-पीटकर मार डालने के विरोध में RSS

Cow lynching: गोहत्या के नाम देश के विभिन्न स्थानों पर पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटनाओं के बीच RSS नेता का बड़ा बयान आया है. जानें पूरा मामला. 

'ना गाय की हत्या हो, ना इंसान की लिंचिंग', लोगों को पीट-पीटकर मार डालने के विरोध में  RSS

Men lynching: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सीनियर पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने गौवध और इंसानों की पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाओं की निंदा की है. उनका कहना है कि भारत को इस तरह की घटनाओं से मुक्त देश बनाया जाना चाहिए. मंगलवार को इंद्रेश कुमार कहा कि संघ गौवध, इंसानों की पीट-पीटकर हत्या करने’ की घटनाओं की निंदा करता है और भारत को इस तरह की घटनाओं से मुक्त देश बनाया जाना चाहिए. 

जानें कहां कही ये बात
प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के अवसर पर भी आयोजित एक प्रदर्शनी के कार्यक्रम में यह बात बात संघ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कही. संघ पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा, “इस कार्यक्रम में यह बात उठी है... आइए भारत को इस (पीट-पीटकर हत्या करने) तरह की घटनाओं से मुक्त देश बनाएं.

किसी गाय को न मारा जाए और न ही किसी व्यक्ति की हत्या हो: संघ
किसी गाय को न मारा जाए और न ही किसी व्यक्ति की हत्या हो. हम दोनों की ही निंदा करते हैं.” कुमार ने कहा, “इसलिए, अगर इस मुद्दे पर पूरे देश में बात की जा सके तो भारत से एक बहुत बड़े झगड़े की जड़ को हटाया जा सकता है. किसी गाय को न मारा जाए और न ही किसी व्यक्ति की हत्या हो. हम दोनों की ही निंदा करते हैं. भारत को इस तरह की घटनाओं से मुक्त बनाएं.”

उन्होंने यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एक फोटो प्रदर्शनी के दौरान संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आतिशी को दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री नामित किये जाने पर भी अपना बयान दिया है कि राजनीति में अस्थिरता देश के विकास में ‘बाधा’ बन जाती है. यह 

गोहत्या पर रोक लगाने वाला कानून की मांग
इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने पूरे देश में गोहत्या पर रोक लगाने वाला कानून लाने की मांग की थी. हालांकि साथ में उन्होंनें गौ रक्षा के नाम पर कथित गौरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा को भी गलत ठहराया था. भागवत ने कहा था कि गोवध के नाम पर की जा रही कोई भी हिंसा गोरक्षा के उद्देश्य को नुकसान पहुंचा रही है और 'बदनाम' कर रही है. 

 

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