Haryana Politics: रविवार को दो बड़े घटनाक्रम के बाद हरियाणा में सियासी हलचल तेज हो गई है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.
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Anil Vij and Rao Inderjit Singh: हरियाणा में बीजेपी के लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने के बाद कहा जा रहा है कि वैसे तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री पद के लिए नायब सिंह सैनी के नाम पर आधिकारिक रूप से मुहर लगा चुका है लेकिन रविवार को दो बड़े घटनाक्रम के बाद हरियाणा में सियासी हलचल तेज हो गई है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात की. अनिल विज अंबाला कैंट विधानसभा सीट से सातवीं बार जीते हैं. इस मुलाकात के बाद हरियाणा के सियासी हलकों में हलचल बढ़ गई है. बीते दिनों अनिल विज ने मुख्यमंत्री बनने का दावा भी किया था, लेकिन बाद में वह पीछे हट गए.
उन्होंने कहा था कि अगर शीर्ष नेतृत्व उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के बारे में विचार-विमर्श करेगा, तो निश्चित तौर पर वह हरियाणा को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाकर रहेंगे. इस बीच, जब उनसे पूछा गया कि क्या आपकी इस संबंध में किसी से वार्ता चल रही है, तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस संबंध में किसी से भी कोई बात नहीं चल रही है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से जो भी फैसला लिया जाएगा, उन्हें सहर्ष स्वीकार होगा. उन्होंने कहा, "मुझे जो भी जिम्म्दारी शीर्ष नेतृत्व की तरफ से दी जाएगी, उसका मैं निष्ठापूर्वक निर्वहन करूंगा."
राव इंद्रजीत सिंह
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भाजपा के खिलाफ उनके बगावत करने की खबरों को रविवार को खारिज किया और कहा कि वह अपनी पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं. सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कुछ चैनल पर निराधार खबरें चलाई जा रही हैं, जिनमें मुझे नौ विधायकों के साथ बगावती दिखाया जा रहा है. यह सब तथ्यहीन, निराधार खबर है. मैं और मेरे सभी साथी विधायक भारतीय जनता पार्टी के साथ मजबूती से खड़े हैं.’’
गौरतलब है कि अहीरवाल क्षेत्र की ग्यारह में से दस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की. दक्षिण हरियाणा से जीतने वालों में राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव भी शामिल हैं, जिन्होंने अटेली क्षेत्र से जीत दर्ज की. अहीरवाल क्षेत्र से जीतने वाले ज्यादातर अन्य उम्मीदवार गुरुग्राम से लोकसभा सदस्य राव इंद्रजीत सिंह के करीबी माने जाते हैं. पिछले महीने चुनाव प्रचार के दौरान एक पत्रकार ने पूछा था कि क्या वह हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि यह उनकी नहीं, बल्कि लोगों की इच्छा है कि वह मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने कहा, ‘‘आज भी लोग चाहते हैं कि मैं (राव) मुख्यमंत्री बनूं.’’
राव इंद्रजीत सिंह दक्षिणी हरियाणा के अहीर समुदाय से आने वाले एक प्रमुख नेता हैं और दशकों से उस क्षेत्र का चेहरा रहे हैं. वह छठी बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं, जिनमें से तीन बार वह भाजपा के सदस्य रहे हैं. सिंह को पिछले कई वर्षों से अहीरों का अटूट समर्थन प्राप्त है. 2014 के आम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने से पहले सिंह कांग्रेस में थे और गुरुग्राम से सांसद थे.
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अमित शाह और मोहन यादव को बनाया गया पर्यवेक्षक
हरियाणा में भाजपा ने सरकार गठन के तहत केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को संसदीय बोर्ड का पर्यवेक्षक बनाया है. इन दोनों पर विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी होगी. यह ऐलान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने किया. हरियाणा में विधायक दल की बैठक प्रस्तावित है. इसमें दोनों नेता शामिल होंगे. इन दोनों पर प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनने की जिम्मेदारी होगी. सीएम मोहन यादव को पहली बार भाजपा ने किसी राज्य का पर्यवेक्षक बनाया है.
हाल में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीट जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जो कांग्रेस द्वारा जीती गईं सीट से 11 अधिक है. वहीं, जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों का सफाया हो गया और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को सिर्फ दो सीट मिलीं. तीन निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की. हरियाणा में नई भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को पंचकूला में होगा. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे.
(इनपुट: एजेंसियां)