Punjab Congress Update: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सिद्धू को 34 साल पुराने रोड रेज मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई थी. पटियाला सेंट्रल जेल में उनकी पहचान कैदी नंबर 241383 बन गई थी. जेल जाने के बाद उन्हें ये कैदी नंबर अलॉट हुआ था. अब सिद्धू को लेकर ये बड़ी खबर आ रही है.
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Navjot Singh Siddhu News: कांग्रेस (Congress) पार्टी के लिए पंजाब (Punjab) से एक अच्छी खबर जल्द पंजाब से आ सकती है. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की माने तो उनके स्टार प्रचारकों की लिस्ट में नंबर एक पर मौजूद नवजोत सिंह सिद्धू जल्द जेल से रिहा हो सकते है. इस बात का ज़िक्र ज़ी न्यूज़ (Zee News) ने 6 महीने पहले भी किया था कि रोड रेज केस में जेल गए नवजोत सिद्धू का आचरण अगर ठीक रहा तो उन्हें बस 8 महीने की ही कैद काटनी होगी. इसके बाद वो जेल से बाहर आ सकते हैं.
जल्द रिहाई की तीन वजहें
कांग्रेस पार्टी के आला सूत्र बताते है कि सिद्धू के समय से पहले जेल से बाहर आने के पीछे भी तीन प्रमुख वजह हो सकती हैं. पहली वजह ये है कि उनका जेल में आचरण बहुत अच्छा रहा है. जेल में उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई, उसे उन्होंने पूरी ईमानदारी और जवाबदेही के साथ पूरा किया. वो वहां पर क्लर्क का काम कर रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली है. ये सभी बातें उनके पक्ष में हैं.
पंजाब कांग्रेस में सुगबुगाहट
दरअसल जेल में उनके अब तक उन्हें साढ़े छह महीने पूरे हो चुके हैं, यानी जनवरी 2023 तक उनकी 9 महीने की सजा पूरी हो जाएगी. ऐसे में सिद्धू को वैसे भी आसानी से राहत मिल सकती है. दूसरी तरफ चर्चा ये भी है कि कुछ दिन पहले उनसे मिलने उनके एक मित्र जो कि कदावर सियासी नेताओं के भी करीबी हैं, सिद्धू से मिलने पटियाला जेल गए थे. दोनों की मुलाकात में सिद्धू की भूमिका पर चर्चा हुई है.
बड़ी जिम्मेदारी मिलने की अटकलें
आपको बता दें कि पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिद्धू के जेल से बाहर आने पर पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. ये संकेत पार्टी की एक सीनियर महिला नेता द्वारा सिद्धू को पत्र लिखे जाने से साफ हो चुका है. फिलहाल पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और प्रताप सिंह बाजवा सूबे में मोर्चा संभाले हैं, लेकिन माना जा रहा है कि सिद्धू की वापसी से पार्टी को ताकत मिलेगी.
आसान नहीं है राह
यह रिहाई सिद्धू के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगी. दरअसल उनके बाहर आने के करीब 1 साल के बीच में ही 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. कांग्रेस के लिए बागियों को मनाना और उनकी नाराजगी दूर करना आसान नहीं होगा. सिद्धू के बाहर आते ही कई और नेताओं के बीजेपी (BJP) से हाथ मिलने के आसार बने हुए हैं, क्योंकि ये सीनियर नेता पहले भी सिद्धू के खिलाफ बोलते रहे हैं. ऐसी चुनौतियों के बीच सिद्धू के कंधों पर प्रियंका गांधी भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती हैं.
26 जनवरी का इंतजार!
आपको बता दें कि जेल में बंद चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू के 26 जनवरी को रिहा करने की अटकलें लगाई जा रही है. और पार्टी सूत्र भी इस बात को लेकर हामी भर रहे है और दूसरी तरफ अगर सिद्धू की बात करें तो वह भी आश्वस्त लग रहे है कि उन्हें पूरी सज़ा नही काटनी पड़ेगी और जल्द बाहर आकर लोकसभा चुनावों से प्रदेश में बुरी तरहं बिखरी पार्टी को पहले जोड़ना पड़ेगा. इसीलिए वह अपनी सेहत को लेकर भी काफी सजग हैं. उन्होंने 6 महीनों 34 Kg वजन कम किया है. वो जेल में कम से कम 4 घंटे मेडिटेशन, 2 घंटे योग और 4 घंटे पढ़ाई करते हैं. वो केवल 2 बार भोजन करते हैं और शाम छह 6 बजे के कुछ भी नहीं खाते हैं.
जेल प्रशासन में मंथन
कांग्रेस पार्टी सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले दर्जन भर सीनियर कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू से मिलने जेल पहुंचे थे. मुलाकात करके लौटे एक सीनियर नेता ने बताया कि उनका अच्छे आचरण के चलते उन्हें आगामी 26 जनवरी को रिहा किया जा सकता है. वह बीते साढ़े 6 महीनों से पटियाला जेल में हैं. जहां अपनी बैरक में बैठकर वो क्लर्क का काम भी कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन ने भी सिद्धू के अच्छे आचरण को लेकर सकारात्मक रिपोर्ट दी है. हालांकि पंजाब की मान सरकार इसकी पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन जेल महकमा इस तैयारी में लगा है कि सिद्धू गणतंत्र दिवस पर जेल से बाहर जा सकते हैं. इसे लेकर अधिकारियों में मंथन शुरू हो गया है.
सीएम मान से अच्छी ट्यूनिंग
इस पूरी कहानी के पीछे एक अहम वजह ये भी मानी जा रही है कि सिद्धू के सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) से काफी अच्छे रिश्ते हैं. जेल जाने से कुछ दिन पहले उनकी भगवंत मान से काफी लंबी मुलाकात भी हुई थी. ऐसे में मान के कहने पर डीजीपी या एडीजीपी जेल भी सजा में 60 दिन की छूट दे सकते है क्योंकि ये उनके अधिकार क्षेत्र में है. 'आप' के सूत्रों के मुताबित दोनों अफसर मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र हैं. हालांकि सरकार या उसके मंत्रियों ने अभी तक इस विषय को लेकर कोई प्रतिक्रिया नही दी है.
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