मध्यप्रदेश के सिंघम नाम से मशहूर IPS ऑफिसर गौरव तिवारी को केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय में निदेशक के पद पर प्रतिनियुक्त किया है. फिलहाल गौरव तिवारी एटीएस एसपी थे. मध्यप्रदेश के गृह मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.
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भोपाल. मध्यप्रदेश के सिंघम नाम से मशहूर प्रदेश काडर के IPS ऑफिसर गौरव तिवारी को केंद्र सरकार ने प्रमोशन के साथ नई जिम्मेदारी दी है. केंद्र ने उन्हें कैबिनेट सचिवालय में निदेशक के पद पर प्रतिनियुक्त किया है. गौरव तिवारी फिलहाल एटीएस एसपी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. यह जानकारी मध्यप्रदेश के गृह मंत्रालय की ओर से दी गई है.
साल 2016 में मप्र के कटनी में 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा करने के बाद तत्कालीन एसपी रहे तिवारी काफी सुर्खियों में आ गए थे. इसके बाद जब रातों रात उनका तबादला किया तो वे जनता के बीच काफी लोकप्रीय हो गए. आलम यह था कि लोग उनके तबादले के विरोध में सड़कों पर उतर आए. गौरव तिवारी को आम जनता की ओर से मिले इस सपोर्ट ने रातों-रात हीरो बना दिया.
इंजीनियर से बने आईपीएस
गौरव तिवारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के रहने वाले हैं. वे एक साधारण किसान परिवार के ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल में ही की है. इसकी बाद गौरव ने आईआईटी की परीक्षा पास की और इंजीनियर बने. इंजीनियर बनने के बाद उन्होंने टाटा कंपनी में 2 साल तक नौकरी भी की है. हालांकि, इसके बाद उन्होंने जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की है. इसके लिए वे दिल्ली आ गए.
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पत्नी को अस्पताल में छोड़ नक्सलियों से भिड़ने निकले
बताया जाता है कि साल 2015 में गौरव तिवारी की पोस्टिंग बालाघाट जिले में थी. इस दौरान उनकी पत्नी आभा तिवारी प्रेग्नेंट थीं. जब आभा की डिलीवरी होनी थी तभी उन्हें नक्सलियों से जुड़े एक सीक्रेट मिशन पर जाने का ऑर्डर मिला. इसी रात पत्नी ने बेटी को जन्म दिया है और वे अपने मिशन पर निकल पड़े.