MP Election: बुंदेलखंड में बगावत का दौर जारी, BJP प्रत्याशी के खिलाफ दो नेताओं ने एक साथ खोला मोर्चा
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MP Election: बुंदेलखंड में बगावत का दौर जारी, BJP प्रत्याशी के खिलाफ दो नेताओं ने एक साथ खोला मोर्चा

MP Election: बीजेपी में टिकट वितरण के बाद से ही बगावत का दौर जारी है. अब बुंदेलखंड अंचल की टीकगमढ़ सीट पर भी बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ बगावत देखने को मिली है. 

बीजेपी में बगावत

MP Election: बीजेपी में टिकट वितरण के बाद से ही लगातार अंसतोष देखने को मिल रहा है. टीमकगढ़ विधानसभा सीट पर भी बीजेपी के दो नेताओं ने वर्तमान विधायक और एक बार फिर से प्रत्याशी बनाए गए राकेश गिरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दोनों नेताओं ने बागी तेवर दिखाते हुए किसी के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है. अगर ऐसा होता है तो इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के सियासी समीकरण बिगड़ सकते हैं. 

बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ बगावत 

दरअसल, टीकमगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने राकेश गिरी को फिर से प्रत्याशी बनाया है, ऐसे में पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव और बीजेपी नेता राजेंद्र तिवारी ने बगावती तेवर अपना लिए हैं. दोनों ने मिलकर संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए टीकमगढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. केके श्रीवास्तव ने प्रदेश संगठन सहित केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोनों नेता मिलकर भाजपा प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ेंगे और यह 26 अक्टूबर तक तय हो जायेगा कि कौन चुनाव लड़ेंगे. 

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दोनों नेताओं का कहना है कि बीजेपी ने सर्वे के आधार पर टिकट नहीं दिया है. टिकट आने के बाद भी पार्टी पदाधिकारियों के सामने भी नाराजगी जताई थी. लेकिन जब कोई फैसला नहीं हुआ तो अब निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी की है. वहीं पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव और राजेन्द्र तिवारी के बगावती तेवर को लेकर भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी राकेश गिरी का कहना है कि दोनों नेता उनके परिवार के सदस्य है और वह किसी प्रकार से चुनाव नहीं लड़ेंगे वह भाजपा के साथ रहकर हमारा सहयोग करेंगे. 

टीकमगढ़ में ऐसा रहा था 2018 का परिणाम 

2018 में टीकमगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. बीजेपी के राकेश गिरी ने कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह बुंदेला को चुनाव हराया था. जबकि 2023 में भी मुख्य चुनावी मुकाबला इन दोनों प्रत्याशियों के बीच ही होगा. बीजेपी ने राकेश गिरी को फिर से प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह बुंदेला पर फिर से भरोसा जताया है. लेकिन अगर केके श्रीवास्तव और राजेंद्र तिवारी में से कोई नेता निर्दलीय चुनाव मैदान में आता है तो यहां मुकाबला दिलचस्प हो सकता है. 

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