पूर्व भारतीय क्रिकेटर नमन ओझा के पिता वीके ओझा को सोमवार को बैतूल की मुलताई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. नमन के पिता पर बैंक मैनेजर रहते सवा करोड़ रुपए के गबन का आरोप है. उनके खिलाफ ये केस 2014 से चल रहा था, वो तभी से फरार थे.
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इरशाद हिंदुस्तानी/बैतूल: बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में वर्ष 2013 में हुए लगभग सवा करोड़ रुपए के गबन के मामले में तत्कालीन बैंक प्रबंधक वीके ओझा को पुलिस ने गिरफ्तार (Naman Ojha Father Arrested) कर लिया है. वीके ओझा पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी नमन ओझा के पिता हैं. उनपर धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत मामला दर्ज था. साल 2014 में केस शुरू होने के बाद से वो फरार थे.
मुलताई टीआइ सुनील लाटा ने बताया सोमवार को विनय ओझा को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय में पेश किया और एक दिन की रिमांड मांगी थी. न्यायालय ने पूछताछ के लिए एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.
किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर निकाले गए पैसे
मामला साल 2013 का है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा जौलखेड़ा में पदस्थ बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा सहित अन्य ने मिलकर फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित की थी. तरोड़ा निवासी बुजुर्ग दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए निकाले गए थे. इन पैसों को बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित अन्य ने आपस में बांट ली थी.
पहले गिरफ्तार हो चुके हैं अन्य आरोपी
मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, निलेश छलोत्रे सहित अन्य के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, निलेश छलोत्रे सहित अन्य की गिरफ्तारी पूर्व में गई थी. केस दर्ज होने के बाद से विनय ओझा फरार चल रहे थे.
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