Kanha Tiger Reserve: पार्क में जन्मी 'कृष्णा', 7 दिनों तक हाथियों की मौज, लालन-पालन में लगा प्रबंधन
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Kanha Tiger Reserve: पार्क में जन्मी 'कृष्णा', 7 दिनों तक हाथियों की मौज, लालन-पालन में लगा प्रबंधन

Kanha Tiger Reserve: मंडला के कान्हा टाइगर रिजर्व में इन दिनों हाथियों की पिकनिक चल रही है. प्रबंधन द्वारा इनकी जमकर आओ भगत हो रही है. उन्हें मनपसंद व्यंजन खिलाए जाएंगे. वहीं एक माह पहले जन्मी कृष्णा के कारण पूरी पार्ट में खुशी का माहौल है.

Kanha Tiger Reserve: पार्क में जन्मी 'कृष्णा', 7 दिनों तक हाथियों की मौज, लालन-पालन में लगा प्रबंधन

विमलेश मिश्रा/मंडला: विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क (Kanha Tiger Reserve) में इन दिनों हाथियों की मौज है. वो जमकर मस्ती कर रहे हैं और पिकनिक मना रहे हैं. वहीं पार्क की लाडली हथनी कृष्णा जमकर मस्ती कर रही है. ये सब हो रहा है कान्हा टायगर रिजर्व में हाथी रिजुविनेशन कैंप शुरू के कारण. सात दिन चलने वाले इस कैंप में पार्क के हाथियों को पूरी तरह से विश्राम दिया जाता है और उनकी खातिरदारी की जाती है.

टाइगर रिजर्व में हैं 19 हाथी
पार्क के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क में छोटे-बड़े और दो बच्चों के कहित कुल 19 हाथी हैं, जो पार्क के कान्हा, किसली, मुक्की ओर सुपखार रेंज में रहते हैं. ये सभी पार्क के प्रबंधन और पार्क की गश्ती में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. कान्हा में बच्चे से लेकर 70 ओर 80 वर्ष तक के बुजुर्ग हाथी रहते है.

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महीने भर पहली जन्मी कृष्णा के कारण जश्न
नवजात हाथी कृष्णा जमकर मस्ती कर रही है. कृष्णा का एक माह पहले ही कान्हा में जन्म हुआ है, जो कान्हा के हाथियों के कुनबे में नई शामिल हुई है. 4 अगस्त को पैदा हुई कृष्णा का फिलहाल हाथी केम्प में प्रबंधन द्वारा खूब प्यार-दुलार और अच्छे से लालन-पालन किया जा रहा है. वहीं मौसी चंचलकली सहित कुनबे से सभी हाथी कृष्णा का खूब खयाल रख रहे हैं. उसकी मौसी ओर मां निर्मला द्वारा किसी इंसान के परिवार की ही तरह उसकी परवरिश की जा रही है.

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मां के पर कम ही जाती है कृष्णा
कान्हा टाइगर रिजर्व की उप संचालक ऋषिभा सिंह ने कहा कि नन्हे हाथी कृष्णा का पूरा ख्याल उसकी मौसी चंचलकली रखती है. कृष्णा की देखरेख, उसके खाना पीना और मनोरंजन का ध्यान मौसी चंचलकली ओर परिवार के अन्य हाथी रखते है. कृष्णा अपनी मां के पास सिर्फ दूध पीने ही जाता है. ऋषिभा कहती है कि हाथी बहुत ही बुद्धिमान प्राणी है और व्यवहार में इंसानों की तरह ही होता है.

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पार्क में खुशी का महौल
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के महावत मलसिंह कहते है कि हाथियों की लालन पालन ओर हाथी के बच्चे की देखरेख आसान काम नहीं है. इसका खास खयाल रखना पड़ता है. समय पर खिलाना-पिलाना, नहलाना-धुलना बड़ा काम होता है. इसमें बड़ी सावधानी रखनी पड़ती है. पार्क में कृष्णा के जन्म के साथ ही खुशी का माहौल है. सभी नन्हें हाथी का बहुत खयाल रख रहे हैं.

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