IND vs NZ 3rd ODI Tickets update: इंदौर में भारत और न्यूजीलैंड वनडे मैच से पहले, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए
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IND vs NZ 3rd ODI Tickets update: इंदौर में भारत और न्यूजीलैंड वनडे मैच से पहले, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए

IND vs NZ 3rd ODI Tickets update: भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ series) के बीच दूसरा वनडे कल यानी 21 जनवरी को रायपुर में खेला जाएगा. वहीं इस सीरीज का तीसरा वनडे इंदौर ( Indore Holkar Cricket Stadium Indore)में 24 जनवरी को होगा.

IND vs NZ 3rd ODI Tickets update: इंदौर में भारत और न्यूजीलैंड वनडे मैच से पहले, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, जानिए

IND vs NZ 3rd ODI Tickets update: भारत और न्यूजीलैंड (IND vs NZ series) के बीच दूसरा वनडे कल यानी 21 जनवरी को रायपुर में खेला जाएगा. वहीं इस सीरीज का तीसरा वनडे इंदौर ( Indore Holkar Cricket Stadium Indore)में 24 जनवरी को होगा. लेकिन मैच से पहले टिकट की कालाबाजारी को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ था, उस पर अब हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल हाईकोर्ट ने टिकटों की ऑनलाइन बिक्री में गड़बड़ी को लेकर याचिका खारिज कर दी है.

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हाईकोर्ट ने सुनाया ये फैसला 
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच इंदौर में 26 जनवरी को खेले जाने वाले एक दिवसीय मैच के टिकटों की ऑनलाइन ब्रिक्री में गड़बड़ी को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कोर्ट का वक्त बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया है. हाईकोर्ट ने कहा इस शख्स ने लोकप्रियता हासिल करने के लिए ये सब किया, वो भी बिना प्रणाण के.

क्या कहा याचिकाकर्ता ने
याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव ने बीसीसीआई और एमपी बोर्ड क्रिकेट संघ के खिलाफ जनहित याचिका में आरोप लगाया था कि इंदौर में होने वाले मैच के टिकटों में ऑनलाइन बिक्री में गड़बड़ी और कालाबाजारी हुई है. एमपी क्रिकेट बोर्ड ने इन आरोपों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट में अपील की थी.

अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कही ये बात 
हाईकोर्ट इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रकाशचंद्र गुप्ता ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करते हुए यह याचिका 18 जनवरी को खारिज कर दी. अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि '' याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की प्रामाणिकता की पुष्टि किए बगैर जनहित याचिका दायर की है. इससे कोर्ट का समय बर्बाद हुआ. उसने अपने आरोपों के समर्थन में कोई दस्तावेज भी पेश नहीं किए हैं. इस याचिका को केवल लोकप्रियता हासिल करने के उद्देश्य से दायर किया गया है.'

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