Case Against RSS Leaders: उज्जैन में संघ नेताओं पर गंभीर आरोप, महाकाल थाने में दर्ज हुआ केस
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Case Against RSS Leaders: उज्जैन में संघ नेताओं पर गंभीर आरोप, महाकाल थाने में दर्ज हुआ केस

Case Against RSS Leaders In Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में RSS के दो प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ एक हिंदूवादी नेता व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इसके लिए उज्जैन SDM ने अनुशंशा की थी, जिसके बाद महाकाल थाना पुलिस ने एक्शन लिया है.

Case Against RSS Leaders: उज्जैन में संघ नेताओं पर गंभीर आरोप, महाकाल थाने में दर्ज हुआ केस

Case Against RSS Leaders In Ujjain: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। कुछ दिनों पर पहले कव्वाली को लेकर हुए विवाद के बाद गरमाए मामले में RSS के दो प्रांतीय पदाधिकारियों के साथ एक हिंदूवादी नेता व कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इस संबंध में महाकाल थाना पुलिस ने प्रकरण दर्द कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है. इनके खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी, शासकीय कार्य मे बाधा, धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है.

किस पर दर्ज हुआ मामला
संघ प्रान्त परियोजना प्रमुख कुलदीपक जोशी, संघ के प्रान्त कार्यकारणी सदस्य अर्जुन भदौरिया और हिंदूवादी नेता अनिल धर्मे के साथ ही कुछ अन्य लोगों के विरुद्ध एसडीएम की अनुशंशा एक्शन लिया गया है. इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कव्वाली के आयोजन को प्रशासनिक अनुमति के बावजूद ना होने देने, आयोजन स्थल में भड़काऊ टिप्पणी, शासकीय कार्य मे बाधा, धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला है.

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महाकाल थाना पुलिस ने एक्शन लेते हुए धारा 353, 186, 295A व 34 के तहत प्रकरण दर्ज किया है. मामले को विवेचना में लेकर आरोपियों की तलाश की जा रही है. इनके खिलाफ कव्वाली का आयोजन न होने पाने पर मुस्लिम समुदाय ने शिकायत भी की थी.

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क्या था पूरी मामला
मामला 11 नवंबर का है. रात 8 बजे श्री राम घाट पर कव्वाली के आयोजन होना था. इसे लेकर तैयारियों हो गईं थी. हालांकि इसे हिंदूवादी नेताओं ने सफल नहीं होने दिया था. मौके पर पहुंचे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं जमकर नारेबाजी करने के साथ रामघाट में अन्य धर्म का कार्यक्रम होने पर विरोध जताया था. काभी वाद विवाद के बाद पुलिस ने मोर्टा संभाल लिया था, हालांकि प्रशासन कार्यक्रम नहीं करा पाई थी.

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क्या है प्रशासन का तर्क
आयोजकों ने एसडीएम कार्यालय से अनुमती प्राप्त की थी. बावजूद कुछ लोगों ने कार्यक्रम को रोका, इस तरह आदेश की अवेहलना हुई. ऐसे हालातों में शहर की फिजा बिगड़ भी सकती थी. विरोध करने वालों ने किसी अधिकारी की एक न सुनी. इसी कारण अब 9 दिन बाद शांति भंग करने, धार्मिक भावनाएं आहात करने और दंगे भड़काने जैसी आईपीसी की गम्भीर धाराएं 353,186,295A,34 में प्रकरण दर्ज किया है.

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किस तरह हुआ था घटनाक्रम
बता दें कार्तिक पूर्णिमा पर श्री रामघाट पर स्थित मौलाना मौज की दरगाह पर उर्स के आयोजन के चलते कव्वाली का आयोजन की अनुमति ली गई थी. अनुमति मिलने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने टेंट, लाइट, साउंड सब लगा लिया. लेकिन, पंडे पुजारियों ने इसका विरोध किया, जिनका समर्थन तमाम हिन्दू वादी नेता करने लगे और प्रोग्राम को रुकवा दिया. उनके हंगामे के कारण प्रशासन मुस्लिम पक्ष को कार्यक्रम न करने की सलाह दी थी.

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