अशोकनगर के अमाही तालाब में डूबने से 2 स्कूली छात्रों की मौत हो गई. साथ में नहाने गए 2 अन्य दोस्त डर के कारण मौके से भाग गए. जब परिजनों ने उनसे पूछा तो पहले तो उन्होनें साथ होने से ही मना कर दिया.
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नीरज जैन/अशोकनगरः अशोकनगर के अमाही तालाब में डूबने से 2 स्कूली छात्रों की मौत हो गई है. साथ में नहाने गए 2 अन्य दोस्त डर के कारण मौके से भाग गए. शाम तक छात्र घर पर नहीं पहुंचे तो परिजनों ने तलाश शुरू की. जैसे ही उन्होंने मृतक छात्रों के दोस्तों से सख्ती से पूछताछ की तब जाकर पता तगा कि वह तालाब में डूब गए. मामला पुलिस ने संज्ञान मे आते ही सर्चिंग शुरू कर दी. 24 घंटे की कड़ी मशक्क़त के बाद आखिरकार दोनों छात्रों के शव तालाब से मिले. घटना के बाद इलाके में हडकंप मच गया.
डर के मारे तालाब से भागे दोस्त
घटना गुरुवार दोपहर की है. स्कूल की छुट्टी होने के बाद चार दोस्त रामकृष्ण, कुमोद, अमित और नितिन एक ही बाइक पर अशोकनगर के अमाही तालाब में नहाने गए थे. तालाब में अंदर छरार के पास नहाते समय चार में से दो दोस्त अमित और नितिन डूब गए. काफी देर तक बाहर नहीं निकले तो बाकी के दोनों साथी रामकृष्ण और कुमोद डर गए. इस दौरान उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो दोनों ने अमित और नितिन के कपड़े खेत में छुपा दिए ताकि किसी को पता ना लगे की वे तालाब में नहाने आए थे. उसके बाद वे वहां से भाग गए.
सख्ती से पूछताछ के बाद उगला सच
शाम तक दोनों छात्र घर पर नहीं पहुंचे इसपर परिजनों को चिंता होने लगी. उन्होनें स्कूल से लेकर आस-पास लगभग सभी इलाकों में तलाश की लेकिन दोनों ही छात्र नहीं मिले. जब परिजनों ने अमित और नितिन के दोस्तों से पूछा तो पहले तो उन्होनें साथ होने से ही मना कर दिया. लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की तो आखिरकार रामकृष्ण और कुमोद ने सच उगला और पूरी कहानी बताई. पुलिस से पूछताछ में उन्होनें बताया कि दोनों दोस्तों के डूबने के बाद वह डर गए थे और उनसे तालाब पर मिले एक अन्य लड़के ने कह दिया था कि पुलिस अब तुम्हें पकड़ेगी, इसलिए दोनों ने किसी को घटना का जानकारी नहीं बताई. 24 घंटे की कड़ी मशक्क़त के बाद आखिरकार दोनों शव तालाब से निकाल लिए गए.
लापरवाही ने ली छात्रों की जान
बता दें कि कुछ दिनों पहले सावन-खजूरिया के बीच नाले पर कार बहने के बाद कलेक्टर ने जिले के सभी बांध-तालाब, झरनों व अत्यधिक पानी भराव वाले क्षेत्रों पर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया था. यहां तक की अमाही तालाब के रास्ते में बेरीकेटिंग भी की गई थी, लेकिन इसके बाद भी लापरवाही जारी है. वहीं अन्य बांध-तालाबों व झरनों पर भी ऐसी ही लापरवाही जारी है और प्रतिबंध के बाद भी लोग पहुंचकर जान जोखिम में डाल रहे हैं. जिले में अब तक 10 लोग पानी में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं.